पंजाब कांग्रेस में नेतृत्व संकट, आलाकमान को सौंपी गई रिपोर्ट
पंजाब कांग्रेस में जारी नेतृत्व संकट और रणनीतिक चूक को लेकर आलाकमान को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई है, जो राज्य की राजनीति में हलचल मचा सकती है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और के.सी. वेणुगोपाल को पंजाब कांग्रेस की वर्तमान स्थिति पर गहन विश्लेषण वाली यह रिपोर्ट दी गई है.

पंजाब कांग्रेस में जारी नेतृत्व संकट और रणनीतिक चूक को लेकर आलाकमान को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई है, जो राज्य की राजनीति में हलचल मचा सकती है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और के.सी. वेणुगोपाल को पंजाब कांग्रेस की वर्तमान स्थिति पर गहन विश्लेषण वाली यह रिपोर्ट दी गई है.
रिपोर्ट में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की शिकायतों, आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ भविष्य के रिश्तों और कांग्रेस की निष्क्रियता को लेकर अहम बिंदु उठाए गए हैं. आलाकमान ने इसे गंभीरता से लेते हुए नए प्रदेश प्रभारी महासचिव भूपेश बघेल के साथ इस पर चर्चा करने का निर्णय लिया है.
रिपोर्ट के 7 प्रमुख बिंदु
1. नेताओं में आपसी तालमेल की कमी
रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब कांग्रेस के नेताओं के बीच असहमतियों और समन्वय की भारी कमी है. प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह उर्फ राजा वडिंग की कार्यशैली को "एकला चलो" वाली बताया गया है, जिससे पार्टी का संगठनात्मक ढांचा कमजोर हो रहा है.
2. मुख्य विपक्ष की भूमिका निभाने में विफलता
AAP सरकार को सत्ता में तीन साल हो चुके हैं, लेकिन कांग्रेस ने किसी बड़े मुद्दे पर आक्रामक रुख नहीं अपनाया. पार्टी ने लंबे समय तक कोई बड़ा विरोध प्रदर्शन या जन आंदोलन नहीं किया, जिससे ऐसा लगने लगा कि वह सरकार के खिलाफ मुखर होने से बच रही है.
3. प्रदेश अध्यक्ष पर अनुशासनहीनता के आरोप
रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया और पूर्व प्रभारी से मिलकर मनमाने तरीके से कार्यकारी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की. यह कदम पार्टी के अनुशासन के खिलाफ था.
4. विधानसभा उपचुनावों में निष्क्रियता
उपचुनावों के दौरान प्रदेश अध्यक्ष बाकी सीटों की परवाह किए बिना केवल अपनी पत्नी के प्रचार में व्यस्त रहे. इस कारण पार्टी को भारी नुकसान हुआ.
5. नगर निगम चुनावों में लापरवाही
हाल ही में हुए नगर निगम चुनावों के लिए पार्टी ने चुनाव समिति तो बनाई, लेकिन कोई बैठक तक नहीं हुई. टिकट वितरण भी बिना किसी ठोस रणनीति के हुआ, जिससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा.
6. गुपचुप बीएसपी गठबंधन
रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब कांग्रेस ने बिना आलाकमान की अनुमति लिए फगवाड़ा में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ गठबंधन किया. यह पार्टी अनुशासन के खिलाफ था, जिससे नेतृत्व नाराज है.
7. घर वापसी' नीति में भेदभाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस छोड़कर AAP या BJP में गए नेताओं की वापसी को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं अपनाई गई. संगठन ने अपने करीबी नेताओं को तो दोबारा मौका दिया, लेकिन अन्य गुटों से आए नेताओं को बाहर रखा.
क्या होंगे कांग्रेस आलाकमान के अगले कदम?
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस आलाकमान गंभीर चिंतन में है. नए प्रभारी भूपेश बघेल को इसे लेकर अहम फैसले लेने की जिम्मेदारी दी गई है. माना जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस में जल्द ही बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
रिपोर्ट में उठाए गए सवालों के मद्देनजर, कांग्रेस नेतृत्व के लिए यह तय करना बेहद महत्वपूर्ण होगा कि क्या मौजूदा रणनीति से पार्टी 2024 लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी या नहीं.


