UPSC अभ्यर्थी की जान लेने वाली लिव-इन पार्टनर की खुली पोल, हत्या में 4 लोग थे शामिल
दिल्ली में यूपीएससी के एक उम्मीदवार रामकेश मीणा की हत्या का खुलासा हुआ है. पुलिस की जांच में सामने आया कि हत्या में कुल चार लोग शामिल थे.

दिल्ली: राजधानी में एक सनसनीखेज मामले में यूपीएससी के एक उम्मीदवार रामकेश मीणा की हत्या का खुलासा हुआ है. यह मामला गांधी विहार इलाके का है, जहां रामकेश अपनी तैयारी के दौरान रहता था. पुलिस की जांच में सामने आया कि हत्या में कुल चार लोग शामिल थे. रामकेश की पूर्व लिव-इन पार्टनर अमृता चौहान, उसका वर्तमान प्रेमी संदीप कुमार, संदीप का दोस्त सुमित कश्यप और मृतक रामकेश.
रामकेश-अमृता क्यों अलग हुए?
रामकेश यूपीएससी की तैयारी कर रहा था, जबकि अमृता बीएससी फॉरेंसिक साइंस की छात्रा थी. पहले दोनों लिव-इन में रहते थे, लेकिन किसी विवाद के चलते अलग हो गए. इसके बाद अमृता संदीप के साथ रहने लगी. जांच में पता चला कि अमृता चाहती थी कि रामकेश के पास मौजूद उसके कुछ निजी वीडियो से छुटकारा मिले. इसी मकसद से उसने संदीप की मदद ली और हत्या की साजिश रची.
संदीप ने अपने दोस्त सुमित को भी इस योजना में शामिल किया. सुमित, मुरादाबाद का रहने वाला और एलपीजी डीलर है. उसने गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करके हत्या को हादसा दिखाने की योजना बनाई. 6 अक्टूबर को अमृता और सुमित रामकेश के घर पहुंचे. उन्होंने रामकेश का गला घोंटकर हत्या कर दी और शव के पास ज्वलनशील पदार्थ और घी-शराब डालकर आग लगाई.
हत्या का खुलासा कैसे हुआ?
सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल डेटा ने इस हत्या का खुलासा किया. फुटेज में दिखा कि अमृता और सुमित नकाब पहनकर बिल्डिंग में प्रवेश करते हैं और कुछ देर बाद बाहर निकलते हैं. इसके बाद कमरे में धमाका हुआ, जो हादसे का ढोंग था. घटना स्थल के दरवाजे को अमृता ने इस तरह बंद किया कि लगे कमरे के अंदर से लॉक हैं.
32 वर्षीय रामकेश का सपना था आईएएस बनना, लेकिन उसकी जिंदगी का अंत अपने ही घर में भयावह तरीके से हुआ. दिल्ली पुलिस ने फॉरेंसिक जांच और तकनीकी माध्यमों का इस्तेमाल करके अपराधियों तक पहुंच बनाई और उन्हें गिरफ्तार किया.
सबूतों को छुपाने की कोशिश
पुलिस के मुताबिक, इस हत्या में योजना और साजिश दोनों शामिल थे. अमृता ने अपनी फॉरेंसिक साइंस की जानकारी का इस्तेमाल करके सबूतों को छुपाने की कोशिश की, लेकिन तकनीकी जांच ने सारी कड़ियां जोड़ दीं. अब सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है और उन्हें सलाखों के पीछे भेजा गया है.
इस घटना ने न केवल यूपीएससी उम्मीदवारों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि दिखाया है कि निजी विवाद भी जानलेवा हो सकता है. पुलिस का कहना है कि इस तरह की योजनाबद्ध हत्या में तकनीकी और फॉरेंसिक जांच बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई.


