Mahakumbh: महाकुंभ भगदड़ के दो दिन बाद मरने वाले श्रद्धालुओं की तस्वीरें जारी, जानें प्रयागराज में अब तक क्या-क्या हुआ?
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ के दो दिन बाद प्रशासन ने 24 अज्ञात मृतकों के पोस्टर लगाए हैं. इन पोस्टरों के जरिए मृतकों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है. पोस्टर लगने के बाद बड़ी संख्या में लोग अपनों की तलाश में पीएम हाउस पहुंच रहे हैं.

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ के दो दिन बाद प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए 24 अज्ञात मृतकों की पहचान के लिए पोस्टर जारी किए हैं.पोस्टर लगने के बाद बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों की तलाश में पोस्टमार्टम हाउस पहुंच रहे हैं.इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन प्रशासन द्वारा जारी किए गए ये पोस्टर कई नए सवाल खड़े कर रहे हैं.
इस भगदड़ के बाद जो तस्वीरें और खुलासे सामने आ रहे हैं, वे दर्शाते हैं कि प्रशासन इस हादसे से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां छिपा सकता है.कई चश्मदीदों का दावा है कि हादसा एक नहीं, बल्कि दो जगहों पर हुआ था, जिससे मृतकों की सही संख्या को लेकर भी संदेह बना हुआ है.
24 अज्ञात मृतकों के पोस्टर, प्रशासन पर उठ रहे सवाल
मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ के बाद प्रयागराज पोस्टमार्टम हाउस के बाहर 24 अज्ञात मृतकों के पोस्टर लगाए गए हैं.प्रशासन का दावा है कि इनकी पहचान करने के लिए यह कदम उठाया गया है, लेकिन इसी के साथ यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार असली मृतकों की संख्या छिपा रही है?
पहचान की पुष्टि नहीं
स्थानीय लोगों और चश्मदीदों के मुताबिक, मरने वालों की संख्या प्रशासन द्वारा बताए गए आंकड़ों से कहीं ज्यादा हो सकती है. मृतकों के परिजन लगातार अपने लापता परिजनों की खोज में पोस्टमार्टम हाउस पहुंच रहे हैं, लेकिन अब तक किसी की भी पहचान की पुष्टि नहीं हो पाई है.
भगदड़ एक नहीं, दो जगहों पर मची थी?
इस हादसे को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है.चश्मदीदों का दावा है कि मौनी अमावस्या के दिन सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि दो जगहों पर भगदड़ मची थी.पहली भगदड़ सुबह 4 बजे झूंसी के सेक्टर-21 में हुई थी, जिसके बारे में प्रशासन ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
पीड़ित परिवारों की बढ़ी चिंता
टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस भगदड़ में कई लोगों ने अपने परिवारजनों को खो दिया. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि भगदड़ में उसके परिजन का हाथ टूट गया, जबकि कुछ लोग अब भी लापता हैं. प्रशासन इस पर कोई स्पष्ट जानकारी देने से बच रहा है, जिससे पीड़ित परिवारों की चिंता और बढ़ गई है.
परिवारजनों की तलाश जारी, प्रशासन पर भरोसा नहीं
पोस्टर जारी होने के बाद सैकड़ों लोग अपनों की तलाश में पोस्टमार्टम हाउस के बाहर इकट्ठा हो रहे हैं.लेकिन प्रशासन द्वारा जारी किए गए इन पोस्टरों से कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.अभी तक किसी भी अज्ञात मृतक की पहचान नहीं हो सकी है, जिससे मृतकों के परिजन बेहद परेशान हैं.


