क्या खरगे की अधूरी इच्छा पूरी होगी...कर्नाटक में CM पद को लेकर खींचतान के बीच मल्लिकार्जुन खरगे बनेंगे CM!
कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच खींचतान के बीच दलित नेताओं की ताकत बढ़ रही है. 2023 के चुनाव में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही, जिससे मल्लिकार्जुन खरगे का नाम नए सीएम विकल्प के रूप में उभर रहा है. हाईकमान अब नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर रहा है.

नई दिल्ली : कर्नाटक राज्य में नए सीएम पद को लेकर चल रही अटकले फिलहाल शांत दिख रही है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही डिप्टी सीएम शिवकुमार और सीएम सिद्धारमैया ने एक साथ ब्रेकफास्ट कर सीएम पद को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर फुल स्टॉप लगा दिया है, लेकिन कांग्रेस हाईकमान के सामने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना एक बड़ी चुनौती बन गई है. पार्टी में अब दलित विधायकों की भूमिका मजबूत हो गई है, जिन्होंने 2023 के चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के आधार पर उचित प्रतिनिधित्व की मांग उठाई है. इस स्थिति में मल्लिकार्जुन खरगे का नाम फिर प्रमुख विकल्प के रूप में उभर रहा है.
कर्नाटक में दलित नेताओं की बढ़ती ताकत
खरगे का दलित समुदाय के साथ गहरा प्रभाव
दरअसल, मल्लिकार्जुन खरगे का नाम इसलिए उभर रहा है क्योंकि दलित समुदाय में उनका गहरा प्रभाव है और वे पार्टी के भीतर अनुभवी तथा भरोसेमंद नेता माने जाते हैं. सिद्दारमैया और शिवकुमार के बीच बढ़ती खींचतान, दिल्ली में नेताओं की बैठकों और हाईकमान के हस्तक्षेप ने संकेत दिया कि पार्टी अब स्थायी समाधान खोजने की स्थिति में है. राहुल गांधी ने खरगे और उनके बेटे से मुलाकात कर राजनीतिक हलकों में नए नेतृत्व की अटकलों को और तेज कर दिया है.
क्या होगी कांग्रेस की अगली रणनीति?
कांग्रेस हाईकमान अब यह तय करने की स्थिति में है कि क्या राज्य में नेतृत्व परिवर्तन किया जाए और अगर किया जाए तो मल्लिकार्जुन खरगे ही सबसे सुरक्षित और सर्वमान्य विकल्प होंगे. दलित नेताओं की बढ़ती ताकत और चुनाव परिणामों में उनकी भूमिका ने इस संभावना को और मजबूत कर दिया है. अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कांग्रेस हाईकमान अगला कदम क्या उठाता है और कर्नाटक को नया मुख्यमंत्री मिलेगा या नहीं.


