शीतकालीन सत्र में राजस्थान की आस लगाए नजरें: सांसद रावत पूछेंगे 75 सवाल, क्या इस बार पूरी होंगी उम्मीदें?
संसद का शीतकालीन सत्र कल यानी 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है और इस बार राजस्थान की निगाहें एक शख्स पर टिकी हैं उदयपुर से सांसद मन्नालाल रावतजी हां, सिर्फ 19 दिन के इस सत्र में मन्नालाल रावत जी ने कमाल कर दिया है. उन्होंने कुल 75 सवाल दाखिल किए हैं. यानी औसतन हर दिन 4 सवाल, राजस्थान के किसी भी सांसद ने इस सत्र में इतने सवाल नहीं पूछे. अब पूरा प्रदेश देख रहा है कि जब सदन में ये सवाल गूंजेंगे तो सरकार का कितना पसीना छूटेगा.

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है, और इस सत्र पर पूरे राजस्थान की नजरें लगी हुई हैं. खासतौर पर उदयपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मन्नालाल रावत इस बार संसद में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराएंगे. वे इस सत्र में कुल 75 सवाल उठाने की तैयारी में हैं, जिनमें शिक्षा, रोजगार, रेल-फ्लाइट कनेक्टिविटी, हाईवे सुधार और 400 से अधिक बावड़ियों के जीर्णोद्धार जैसे मुद्दे शामिल हैं. रावत ने दैनिक भास्कर से बातचीत में अपनी योजनाओं और मुद्दों को साझा किया है.
रावत पिछले सात सत्रों में अपनी सक्रिय भूमिका के लिए प्रसिद्ध रहे हैं. अब तक वे कुल 41 सवाल उठा चुके हैं और वे राजस्थान के उन तीन सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा सवाल उठाए हैं. इस बार भी उनकी योजना उदयपुर और मेवाड़ की ज़रूरतों को केंद्र के सामने मजबूती से रखने की है.
उदयपुर शहर के लिए प्रमुख मुद्दे
उदयपुर शहर की समस्याओं को लेकर मन्नालाल रावत का एजेंडा स्पष्ट है. उन्होंने बताया कि शहर के एयरपोर्ट रूट पर प्रतापनगर से देबारी तक लगभग 2.5 किलोमीटर क्षेत्र में लगातार जाम की समस्या बनी रहती है. इसे हल करने के लिए वे एलिवेटेड रोड निर्माण की मांग करेंगे. उनके मुताबिक, इस परियोजना से लाखों लोगों को राहत मिलेगी और सड़क हादसों में भी कमी आएगी.
इसके अलावा, रावत उदयपुर एयरपोर्ट पर नाइट फ्लाइट शुरू करने और इंटरनेशनल फ्लाइट की सुविधा की भी मांग करेंगे. वे एयरपोर्ट पर चल रहे विकास कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए लगातार फॉलोअप करेंगे. उदयपुर में सीजीएचएस वेलनेस सेंटर की प्रक्रिया को भी तेज करने के लिए वे पहल करेंगे.
ओबीसी जातियों को केंद्र सूची में शामिल करने की मांग
रावत ने बताया कि राजस्थान में कई जातियाँ ऐसी हैं, जिन्हें राज्य सूची में आरक्षण तो प्राप्त है, लेकिन केंद्र की सूची में नहीं होने के कारण वे केंद्रीय लाभों से वंचित हैं. वे इस विषय को संसद में उठाकर ओबीसी से जुड़ी कई जातियों को केंद्र की सूची में जोड़ने की मांग करेंगे, ताकि राज्य और केंद्र के बीच मौजूद 'लिस्टेड गैप' को समाप्त किया जा सके.
उदयपुर की रेल कनेक्टिविटी में सुधार
उदयपुर की रेल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की योजना भी रावत के एजेंडे में शामिल है. उन्होंने बताया कि उदयपुर को दक्षिण भारत के बड़े टूरिस्ट शहरों से जोड़ने का एक प्लान तैयार किया गया है. अजमेर और अहमदाबाद में 12 घंटे से अधिक रुकने वाली कई ट्रेनों को उदयपुर तक बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा, वे उदयपुर से दिल्ली और उदयपुर से वाया सूरत मुंबई तक वंदे भारत ट्रेन चलाने की मांग भी उठाएंगे. साथ ही, उदयपुर-चित्तौड़गढ़ रेल रूट पर विद्युत लाइन को डबल करने की भी बात रखी जाएगी.
हाईवे सुधार पर जोर
उदयपुर में स्थित विभिन्न हाईवे पर कई ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. रावत के मुताबिक, उदयपुर-अहमदाबाद सिक्स लेन हाईवे पर 5 में से 3 ब्लैक स्पॉट ठीक किए जा चुके हैं और बाकी दो पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा. इसके अलावा, वे उदयपुर-बांसवाड़ा स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे घोषित करने की मांग भी उठाएंगे.
सलूंबर जिले के विकास के लिए अहम योजनाएं
नए बने सलूंबर जिले के विकास के लिए रावत ने मेडिकल कॉलेज, नवोदय स्कूल और जिला मुख्यालय से जुड़ी आवश्यकताओं को संसद में उठाने का निर्णय लिया है. वे केंद्र से इन योजनाओं को मंजूरी दिलाने का प्रयास करेंगे. इसके साथ ही, उदयपुर लोकसभा क्षेत्र में स्थित 400 से अधिक बावड़ियों के जीर्णोद्धार की मांग भी इस सत्र में उठाई जाएगी. रावत ने कहा कि कई बावड़ियां खस्ताहाल हो चुकी हैं और उनके संरक्षण की तत्काल जरूरत है.
जनजाति और पर्यटन विकास
रावत ने जनजाति समुदाय के विकास के लिए भी कई अहम कदम उठाने का निर्णय लिया है. वे 'धरती आबा उन्नत ग्राम आबा' योजना के दायरे को बढ़ाने की मांग करेंगे, ताकि 50 से अधिक आबादी वाले गांवों को भी इस योजना का लाभ मिल सके. इसके अलावा, वे चावंड में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा लगाने की भी मांग करेंगे.
उदयपुर का महत्व अब देश-विदेश के टूरिज़्म मैप पर लगातार बढ़ता जा रहा है. सरकार ने इसे देश के 50 प्रमुख शहरों में शामिल किया है. रावत ने कहा कि वे पर्यटन के विकास में उदयपुर की भूमिका और यहां के लोगों के रोजगार को बढ़ाने के लिए संसद में ठोस सुझाव रखेंगे.


