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पेट दर्द बना रहस्य, अल्ट्रासाउंड में निकले 7 टूथब्रश, डॉक्टर भी रह गए हैरान

जयपुर में पेट दर्द से पीड़ित एक युवक की जांच में अल्ट्रासाउंड के दौरान उसके पेट में 7 टूथब्रश और 2 लोहे के पन्ने पाए गए. डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर सभी वस्तुएं निकाल दीं और समय पर इलाज से युवक की हालत अब स्थिर है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक चौंकाने वाला और दुर्लभ चिकित्सीय मामला सामने आया है, जहां एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने ऑपरेशन के जरिए एक युवक के पेट से 7 टूथब्रश और 2 लोहे के पन्ने (धातु के टुकड़े) निकालकर उसकी जान बचाई. सर्जरी के बाद युवक की हालत अब स्थिर बताई जा रही है और उसे निगरानी में रखा गया है.

भीलवाड़ा का रहने वाला है युवक 

जानकारी के अनुसार, यह युवक भीलवाड़ा जिले का रहने वाला है और उसकी उम्र लगभग 26 वर्ष है. युवक काफी समय से पेट में तेज और लगातार दर्द से परेशान था. परिजनों ने पहले स्थानीय स्तर पर कई जगह इलाज कराया, लेकिन दर्द में कोई खास सुधार नहीं हुआ. जब स्थिति बिगड़ने लगी, तब परिजन उसे इलाज के लिए जयपुर के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे. यहां डॉक्टरों को युवक की लंबे समय से चली आ रही परेशानी के बारे में बताया गया.

मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने तुरंत सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) जांच कराने का फैसला किया. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद डॉक्टर और परिजन दोनों ही हैरान रह गए. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि युवक के पेट के अंदर 7 टूथब्रश और 2 लोहे के पन्ने मौजूद थे. यह स्थिति बेहद खतरनाक मानी जाती है, क्योंकि ऐसी वस्तुएं आंतों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और जानलेवा संक्रमण का कारण भी बन सकती हैं.

डॉ. तन्मय पारीक ने क्या कहा?

अस्पताल के सीनियर गैस्ट्रो सर्जन डॉ. तन्मय पारीक ने बताया कि शुरुआत में एंडोस्कोपी के जरिए इन वस्तुओं को निकालने की संभावना पर विचार किया गया, लेकिन आकार और संख्या अधिक होने के कारण यह तरीका संभव नहीं था. ऐसे में डॉक्टरों की टीम ने ओपन सर्जरी करने का निर्णय लिया.

करीब दो घंटे से अधिक समय तक चली जटिल सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने युवक के पेट से सभी 7 टूथब्रश और 2 लोहे के पन्ने सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिए. इस ऑपरेशन में एनेस्थेटिस्ट डॉ. आलोक वर्मा सहित मेडिकल स्टाफ की टीम ने अहम भूमिका निभाई. डॉक्टरों के मुताबिक, सर्जरी के दौरान विशेष सावधानी बरती गई ताकि किसी भी आंतरिक अंग को नुकसान न पहुंचे.

डॉक्टरों ने बताया कि युवक मानसिक रूप से कुछ हद तक कमजोर है और इसी कारण उसे यह समझ नहीं हो पाया कि कौन-सी चीजें खाने योग्य हैं और कौन-सी नहीं. फिलहाल सर्जरी के बाद उसकी हालत स्थिर है और पेट दर्द की समस्या पूरी तरह खत्म हो चुकी है.

समय पर सही इलाज मिलने से एक बड़ी अनहोनी टल गई. डॉक्टरों का कहना है कि यदि देरी होती, तो स्थिति जानलेवा हो सकती थी. ऑपरेशन सफल रहने पर परिजनों ने मेडिकल टीम का आभार जताया और युवक के शीघ्र स्वस्थ होने की उम्मीद जताई.

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