'संभल में उपद्रवियों की तलाश तेज, पोस्टर लगते ही भड़की भीड़ – पुलिस बोली, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा!'
संभल हिंसा के बाद पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान के लिए उनके पोस्टर शहरभर में चिपकाने शुरू कर दिए, लेकिन जब ये पोस्टर जामा मस्जिद की दीवार पर लगाए गए, तो बवाल मच गया! स्थानीय लोगों ने कड़ा ऐतराज जताया और मौके पर भीड़ जुटने लगी. पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी में दिखे 74 उपद्रवियों की तलाश जारी है और पहचान बताने वाले को इनाम भी मिलेगा. लेकिन क्या इस तरीके से विवाद और नहीं बढ़ेगा? जानिए पूरी कहानी!

Uttar Pradesh: संभल में बीते दिनों हुई हिंसा के बाद पुलिस लगातार आरोपियों की पहचान कर रही है और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए नए-नए तरीके अपना रही है. इसी कड़ी में पुलिस ने उन लोगों के पोस्टर सार्वजनिक जगहों पर चिपकाने शुरू कर दिए हैं, जो सीसीटीवी फुटेज और वीडियो में तो दिख रहे हैं, लेकिन उनकी पहचान नहीं हो पाई है.
हालांकि, जब पुलिस ने जामा मस्जिद की दीवार पर इन आरोपियों के पोस्टर चिपकाए, तो स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध जताया. देखते ही देखते वहां भीड़ जुटने लगी और माहौल गरमाने लगा. मामला बढ़ता देख एएसपी श्रीश चंद्र मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की. उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस पूरी तरह नियमों के तहत काम कर रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
74 उपद्रवियों की तलाश, पहचान बताने पर इनाम
संभल हिंसा में शामिल 74 उपद्रवियों की तलाश जारी है. पुलिस के मुताबिक, इन लोगों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है, लेकिन ये हिंसा में सक्रिय रूप से शामिल थे. सीसीटीवी फुटेज में इनकी मौजूदगी साफ देखी गई है, इसलिए पुलिस ने इनकी तस्वीरों को सार्वजनिक कर दिया है.
शहरभर के सार्वजनिक स्थलों पर इनके पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं, ताकि आम जनता की मदद से इन्हें पकड़ा जा सके. पुलिस ने यह भी ऐलान किया है कि जो भी इनकी सही पहचान बताएगा, उसे इनाम दिया जाएगा और उसकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी.
24 नवंबर को भड़की थी हिंसा, पुलिस पर हुआ था हमला
संभल के जामा मस्जिद इलाके में 24 नवंबर को हिंसा भड़क गई थी. सर्वे के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया, यहां तक कि फायरिंग भी हुई. इस घटना में कई लोग घायल हुए और कुछ की जान भी चली गई.
हिंसा के तुरंत बाद पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी थी. वीडियो फुटेज के आधार पर कई लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं. अब पुलिस उन आरोपियों को भी गिरफ्तार करने में जुटी है, जिनकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है.
पोस्टर लगाने से बढ़ा विवाद, पुलिस के सामने नई चुनौती!
हालांकि, मस्जिद की दीवार पर पोस्टर लगाने को लेकर जो विवाद खड़ा हुआ, उसने माहौल और गर्मा दिया है. स्थानीय लोगों को इस पर आपत्ति है कि पुलिस को पोस्टर लगाने के लिए कोई और सार्वजनिक जगह चुननी चाहिए थी. अब सवाल ये उठता है कि क्या पुलिस की यह रणनीति सही दिशा में जा रही है या इससे और विवाद बढ़ेंगे? देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और पुलिस कितने और आरोपियों तक पहुंच पाती है.


