UP में 1,000 से अधिक पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान, निर्वासन प्रक्रिया शुरू
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा को रद्द कर दिया है और उन्हें स्वदेश लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश में 1,000 से अधिक पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की गई है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है, जिसे आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोपी माना जा रहा है. इस कड़ी कार्रवाई के तहत भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रद्द कर दिए हैं और उन्हें तुरंत देश छोड़ने का आदेश दिया है.
निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू
इस आदेश के परिणामस्वरूप, बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक वाघा सीमा के माध्यम से वापस अपने देश लौट रहे हैं. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश राज्य ने भी पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
यूपी में कितने पाकिस्तानी नागरिक रह रहे?
उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, राज्य में वर्तमान में लगभग 1,000 से 1,200 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक निर्वासन आदेश अब तक नहीं मिला है, लेकिन जैसे ही आदेश जारी होगा, प्रत्यावर्तन प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी जाएगी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की प्रक्रिया पहले से शुरू हो चुकी है और जैसे ही केंद्र से अंतिम निर्देश मिलेंगे, हम उन्हें भेजने के लिए कार्रवाई करेंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क किया है और उन्हें निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने राज्य में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उन्हें तुरंत वापस भेजें. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को बिना किसी देरी के पूरा किया जाना चाहिए.
विदेश मंत्रालय की घोषणा
विदेश मंत्रालय ने यह भी घोषणा की है कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीज़ा 27 अप्रैल 2025 से रद्द कर दिए जाएंगे. हालांकि मेडिकल वीज़ा को 29 अप्रैल 2025 तक थोड़े समय के लिए बढ़ा दिया गया है. सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वीज़ा की वैधता समाप्त होने से पहले भारत छोड़ देना होगा.
22 अप्रैल को हुआ था हमला
यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में हुए आतंकी हमले के बाद की गई, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी. भारत ने इस हमले को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का परिणाम बताया और सीमा पार से आने वाले खतरों से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने का संकल्प लिया.


