उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम: मॉल में अब बीयर और वाइन की बिक्री होगी आसान, नए लाइसेंस की शुरुआत
यूपी सरकार ने आबकारी नीति के तहत एक पायलट परियोजना शुरू की है, जो मादक पदार्थ से जुड़ी है. यह योजना फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, आगरा और लखनऊ में लागू की जा रही है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री को बढ़ावा देने और छोटे कारोबारियों के लिए इसे अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से नई आबकारी नीति के तहत एक पायलट परियोजना शुरू की है. इस पहल के तहत, अब मॉल में मौजूद मल्टीप्लेक्स के बाहर बीयर और वाइन जैसे कम अल्कोहल वाले पेय पदार्थों की बिक्री की अनुमति दी जाएगी.
नया एफएल-4डी लाइसेंस पेश
आबकारी विभाग ने इसके लिए नया एफएल-4डी लाइसेंस पेश किया है, जिसके जरिए बीयर, वाइन और अन्य हल्के मादक पेय की खुदरा बिक्री को कानूनी रूप से मंजूरी मिलेगी. यह योजना फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, आगरा और लखनऊ में लागू की जा रही है.
नई नीति के तहत छोटे व्यापारियों के लिए एक बड़ा अवसर खुला है, क्योंकि एफएल-4डी लाइसेंस की लागत केवल 6 लाख रुपये प्रति वर्ष तय की गई है. इसके मुकाबले, पहले केवल एफएल-4सी लाइसेंस उपलब्ध था जिसकी कीमत 25 लाख रुपये सालाना थी और वह केवल प्रीमियम शराब की बिक्री के लिए था.
अधिकारियों के मुताबिक, सरकार का उद्देश्य इस क्षेत्र में व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है. कम लागत वाले लाइसेंस से अब छोटे व्यवसायी भी इस बाजार में प्रवेश कर सकेंगे, जबकि उच्च-स्तरीय संचालन पहले की तरह एफएल-4सी लाइसेंस के अंतर्गत ही रहेगा.
जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार ने दी जानकारी
गौतमबुद्ध नगर के जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार ने बताया कि नोएडा सेक्टर 43 के एक मॉल से एफएल-4डी के लिए पहला आवेदन प्राप्त हुआ है, जबकि दो और स्थानों से भी आवेदन दाखिल किए गए हैं. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सिनेमा हॉल के अंदर शराब की बिक्री या सेवन पर सख्त प्रतिबंध रहेगा और केवल मॉल परिसर में सिनेमा के बाहर ही इन पेय पदार्थों की बिक्री संभव होगी.


