गुस्से में जनता, बाजार हुआ बंद... बस एक सवाल आखिर बेटियां कब सुरक्षित होंगी? ब्यावर में यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग का मामला
राजस्थान के ब्यावर में माहौल गरम है! स्कूली छात्राओं के साथ यौन शोषण, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपों से लोग आक्रोश में हैं. बाजार बंद, सड़कों पर प्रदर्शन और पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. इस मामले में पूर्व पार्षद समेत कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन क्या इससे पीड़िताओं को इंसाफ मिलेगा? राजनीति भी तेज हो गई है, लेकिन असली सवाल यही है – बेटियां कब सुरक्षित होंगी? पूरी खबर पढ़िए और जानिए ब्यावर में क्या हो रहा है!

Crime News: राजस्थान के ब्यावर में इन दिनों जबरदस्त तनाव है. मामला इतना गंभीर है कि पूरा शहर आक्रोश में उबल रहा है. कारण? स्कूली छात्राओं के साथ यौन शोषण, ब्लैकमेलिंग और कथित तौर पर धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश के आरोप.
जब से यह खबर सामने आई है, तब से शहर में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं, बाजार बंद किए जा रहे हैं, और न्याय की मांग उठ रही है. पुलिस ने 11 आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिनमें तीन नाबालिग भी शामिल हैं.
कैसे सामने आया मामला?
यह मामला तब खुला जब पांच लड़कियों के परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. इन शिकायतों के आधार पर पुलिस ने तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की. आरोपों के मुताबिक, आरोपियों ने सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों से संपर्क किया, उन्हें महंगे गिफ्ट जैसे कि चीनी मोबाइल फोन दिए और फिर उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें लेकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.
परिजनों का आरोप है कि आरोपियों का मकसद सिर्फ शोषण ही नहीं, बल्कि लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना भी था.
कौन-कौन आरोपी, अब तक क्या कार्रवाई हुई?
इस मामले में पुलिस ने पूर्व वार्ड पार्षद हकीम कुरैशी को भी गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. इसके अलावा चार और आरोपियों - लुकमान, सोहेल मंसूरी, रयान मोहम्मद और अफराज को पांच दिन की पुलिस रिमांड के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
शहर में तनाव, बाजार बंद और प्रदर्शन जारी
इस पूरे घटनाक्रम के बाद ब्यावर और उसके आसपास के इलाकों जैसे मसूदा, बिजयनगर, केकड़ी और सरवाड़ में बाजार बंद हैं. विभिन्न संगठनों और स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की.
एक पीड़िता ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि करीब 14-15 लड़के इस रैकेट का हिस्सा थे और उनकी क्लास की पांच लड़कियां इसका शिकार बनी हैं. उसने यह भी आशंका जताई कि और भी कई लड़कियां शिकार हो सकती हैं.
पुलिस की जांच और अब तक की स्थिति
डीएसपी सज्जन सिंह के अनुसार, अभी तक आरोपियों के मोबाइल फोन से कोई भी आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई है. लेकिन सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को राज्य की फॉरेंसिक साइंस लैब भेज दिया गया है. अब मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
राजनीतिक बयानबाजी भी तेज
इस मामले में राजनीति भी गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर निशाना साधा. उन्होंने टोंक और ब्यावर में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए पूछा कि क्या अब राज्य में बेटियां घर से निकलना भी बंद कर दें?
जनता का सवाल: कब मिलेगा न्याय?
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. ब्यावर के लोग अब एक ही सवाल पूछ रहे हैं - क्या बेटियां सुरक्षित हैं? क्या दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी? या यह मामला भी वक्त के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा?


