दिल्ली में विधायकों-मंत्रियों का बढ़ेगा वेतन,विधानसभा में प्रस्ताव पास
दिल्ली विधानसभा के सत्र में सोमवार को वेतन संशोधन विधयेक पास हो गया है। दिल्ली में मंत्रियों, विधायकों, चीफ व्हिप, स्पीकर/डिप्टी स्पीकर और नेता विपक्ष का वेतन बढ़ाया जाएगा। अब वेतन 54 हजार से बढ़कर 90 हजार रुपये हो

दिल्ली विधानसभा के सत्र में सोमवार को वेतन संशोधन विधयेक पास हो गया है। दिल्ली में मंत्रियों, विधायकों, चीफ व्हिप, स्पीकर/डिप्टी स्पीकर और नेता विपक्ष का वेतन बढ़ाया जाएगा। अब वेतन 54 हजार से बढ़कर 90 हजार रुपये हो जाएगा, इस वधियेक पर बहस के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा विधायक की सैलरी 12 हजार रुपए है, यह मजाक सा लगता है। मनीष सिसोदिया ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से विधायकों को 12,000 रुपए का बेसिक वेतन मिल रहा था, लेकिन अब इसे बढ़ा कर 30,000 रुपए कर दिया गया है। इस तरह से दिल्ली में अब एक विधायक को कुल वेतन-भत्ते के रूप में हर माह 90,000 रुपए मिलेंगे। सेलरी और भत्ते मिलाकर अब दिल्ली के विधायकों की सैलरी 90 हजार रुपये प्रति महीना हो जाएगी दिल्ली सरकार में विधायकों की आखिरी बार सेलरी साल 2011 में बढ़ी थी। मनीष सिसोदिया ने दवा किया कि पिछले 7 वर्षों से इस मुद्दे को लेकर काफी विचार-विमर्श हुआ।
उन्होंने कहा कि 7 साल पहले केंद्र सरकार को इस सम्बन्ध में कुछ आपत्तियाँ थीं, जिन्हें समाविष्ट करने के बाद दिल्ली विधानसभा ने फिर से इस बिल को पास किया है। उन्होंने आशा जताई कि केंद्र सरकार की भी मंजूरी इसे जल्द ही मिल जाएगी। मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि लोगों के पास उनकी ज़रूरतों से थोड़ी अधिक आय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में प्रमोशन बेहद ज़रूरी है और इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है वेतन। इस तरह एक विधायक के कुल वेतन-भत्ते को मासिक तौर पर 54,000 रुपए से बढ़ा कर सीधा 90,000 रुपया कर दिया गया। मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें उन करदाताओं को धन्यवाद करना चाहिए, जिनके रुपयों से हमें वेतन मिलता है, और इस प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए। संसदीय मामलों, न्याय और कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने इस संशोधन बिल को टेबल पर रखा। वहीं आपको बता दें कि इससे पहले, 2015 में विधायकों की सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन यह प्रस्ताव पास नहीं हो पाया था।


