नागपुर हिंसा में शमीम खान का हाथ! शहर में भड़काए दंगे, महिला पुलिसकर्मी से भी छेड़खानी
नागपुर में गणेशपेठ पुलिस स्टेशन के पास दंगा भड़काने की साजिश का खुलासा हुआ है, जिसमें माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के फहीम खान का नाम सामने आया. फहीम खान के नेतृत्व में 400-500 लोगों ने अवैध रूप से भीड़ इकट्ठा की और पुलिस पर हमला किया, पेट्रोल बम फेंके. इस हिंसा के दौरान महिला पुलिसकर्मियों के साथ यौन दुर्व्यवहार की घटनाएं भी सामने आई.

नागपुर हिंसा में मास्टरमाइंड को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. हालहीं में, गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दंगों की साजिश से जुड़ी एक FIR दर्ज की गई, जिसमें घटना के प्रमुख साजिशकर्ता का नाम सामने आया है. FIR के मुताबिक, माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के शहर अध्यक्ष फहीम खान ने 50 से 60 लोगों के साथ मिलकर पुलिस स्टेशन पर अवैध रूप से भीड़ इकट्ठा की थी. ऐसा तब हुआ जब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले के सामने औरंगजेब की कब्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इतना ही नहीं, प्रतीकात्मक रूप से औरंगजेब के पुतले को आग के हवाले किया गया.
पुलिस स्टेशन में लिखित निवेदन पर औरंगजेब के विरोध करने वाले 9 व्यक्तियों के खिलाफ FIR (संख्या 114/25) दर्ज की गई. हालांकि, पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए भीड़ को बार-बार चेतावनी दी, लेकिन इसके बावजूद दंगे को बढ़ावा देने के प्रयास किए गए.
400-500 लोगों की अवैध भीड़ का इकट्ठा होना
FIR के अनुसार, फहीम खान और उनके साथ आए लोगों ने छत्रपति शिवाजी के पुतले के पास 400 से 500 लोगों को एकत्र किया. इन लोगों को बार-बार स्पीकर से सूचित किया गया कि ये भीड़ अवैध है और उन्हें तुरंत अपने घर लौट जाना चाहिए. लेकिन चेतावनी के बावजूद, ये लोग कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठियां और अन्य खतरनाक हथियारों के साथ क्षेत्र में आतंक फैलाने के इरादे से जमा हुए.
पुलिस पर हमला और पेट्रोल बम से हंगामा
भीड़ ने आगे बढ़ते हुए भालदारपुरा चौक इलाके में पुलिस पर हमले किया. इन हमलों में पत्थर और अन्य घातक हथियारों का इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा, उन्होंने पेट्रोल बम तैयार किए और उन्हें पुलिस पर फेंका. साथ ही, जानबूझकर झूठी अफवाहें फैलाने का भी प्रयास किया गया. यहां तक कि पुलिसकर्मियों को ये कहते हुए गालियां दी गई, "तुमने जानबूझकर हमारे धर्म की चादर जलाने में मदद की."
महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़खानी
इस हिंसा के बीच कुछ असामाजिक तत्वों ने अंधेरे का फायदा उठाकर आरसीपी दस्ते की एक महिला कांस्टेबल को शारीरिक रूप से छुआ और अश्लील हरकत की. इससे महिला पुलिसकर्मी को मानसिक और शारीरिक तौर पर काफी असहज महसूस हुआ. इसके अलावा, अन्य महिला पुलिसकर्मियों के साथ भी यौन उत्पीड़न की घटनाएं सामने आई, जहां उन्हें भद्दे कमेंट्स और अश्लील इशारों का सामना करना पड़ा.


