कुछ लोगों ने कहा कि मैं खत्म हो गया, लेकिन...बिहार में बड़ी जीत के बाद बोले चिराग पासवान
बिहार चुनाव में शानदार नतीजों के बाद चिराग पासवान ने कहा कि 2020 में उनके राजनीतिक सफर को खत्म मान लिया गया था, लेकिन उन्होंने संघर्ष कर पार्टी को पुनर्जीवित किया. एनडीए की ऐतिहासिक जीत और नीतीश कुमार के नेतृत्व पर उनका भरोसा भी बरकरार रहा.

पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव के ताजा नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने संघर्षों को याद किया. उन्होंने कहा कि 2020 के बाद कई राजनीतिक दलों ने उनके करियर पर विराम लगा देने जैसा माहौल बना दिया था. कई नेताओं ने दावा किया था कि लोजपा(रा) अब खत्म हो चुकी है. लेकिन चिराग ने अपने पिता रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत को आधार बनाकर पार्टी को फिर से खड़ा किया.
लोजपा(रा) का अब तक का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
इस चुनाव में लोजपा(रा) ने 28 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 19 सीटों पर जीत दर्ज की, जो पार्टी के इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा प्रदर्शन है. वहीं एनडीए ने कुल 243 में से 202 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया. चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी अब उसी ताकत के साथ उभरकर सामने आई है, जैसी उनके पिता के नेतृत्व में थी.
उन्होंने याद किया कि 2005 में रामविलास पासवान ने बिना गठबंधन के चुनाव लड़ते हुए 29 विधायकों के साथ बड़ी सफलता हासिल की थी, हालांकि परिस्थितियां ऐसी थीं कि वे सरकार नहीं बना पाए. चिराग ने कहा कि पार्टी ने 2014 के बाद फिर से नई ऊर्जा के साथ वापसी की और अब 2024 में इतिहास दोहराया.
विपक्ष पर साधा निशाना
चिराग पासवान ने आरजेडी और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वे लगातार यह झूठ फैलाते रहे कि जदयू और लोजपा(रा) के बीच मतभेद हैं. उन्होंने कहा कि एनडीए ने 2024 में उन पर भरोसा दिखाया और लोकसभा में लोजपा(रा) का प्रतिनिधित्व एक सांसद से बढ़कर पांच सीटों तक पहुंच गया और पांचों उम्मीदवार जीते. विधानसभा के संदर्भ में उन्होंने कहा कि बिना किसी विधायक वाली पार्टी को 29 सीटें देना एनडीए के विश्वास का प्रमाण था. लोजपा(रा) ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए उम्मीदों पर खरा उतरने का काम किया.
नीतीश कुमार फिर बनेंगे मुख्यमंत्री?
बिहार के अगले मुख्यमंत्री को लेकर चिराग पासवान ने स्पष्ट कहा कि जैसा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने भी कहा है, अंतिम फैसला चुने हुए विधायक ही करेंगे. उनके अनुसार, बिहार के अनुभवी नेता नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद संभालेंगे. उन्होंने पटना में नीतीश कुमार से मुलाकात कर उन्हें एनडीए की बड़ी जीत की बधाई भी दी. दोनों नेताओं ने मिलकर आगे की रणनीति पर चर्चा की.
एनडीए की ऐतिहासिक जीत
बिहार में एनडीए ने महागठबंधन को भारी अंतर से हराते हुए 203 सीटें जीतीं. भाजपा और जदयू दोनों ने ही 101 सीटों पर चुनाव लड़ा और लगभग 85% सीटों पर विजय हासिल की. भाजपा इस बार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. इस जीत ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्थायी राजनीतिक पकड़ को मजबूत साबित किया. वहीं राजद और कांग्रेस को पिछड़ते हुए बड़ा झटका लगा.


