क्या इस बार चुनाव लड़ेंगे तेजप्रताप यादव? राजद के लिए महुआ और हसनपुर पर है फोकस
तेजप्रताप यादव के विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना अब कम होती जा रही है, जिससे महुआ और हसनपुर सीटों पर राजद के दावेदारों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. अब देखना ये है कि क्या वे फिर से मैदान में उतरेंगे या राजद के नए चेहरे इन सीटों पर अपना कब्जा करेंगे. जानें पूरी कहानी!

Bihar Politics: बिहार में राजनीति की बड़ी हस्ती और राजद के बड़े नेता तेजप्रताप यादव के आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना पर सवाल उठने लगे हैं. उनके राजनीतिक करियर में कई उतार-चढ़ाव आए हैं और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस बार चुनावी मैदान में उतरते हैं या नहीं.
तेजप्रताप ने पहले महुआ से विधानसभा चुनाव लड़ा था और शानदार जीत हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने हसनपुर से भी चुनाव लड़ा और यहां भी जीत का परचम लहराया. लेकिन हाल ही में उनके बयानों और हरकतों से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे.
तेजप्रताप का करियर: महुआ से हसनपुर तक का सफर
तेजप्रताप यादव ने 2015 में महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. उस समय महागठबंधन का स्वरूप कुछ और था, जिसमें राजद, जदयू और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे थे. तेजप्रताप ने महुआ से बड़ी जीत दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी रविंद्र राय को काफी बड़े अंतर से हराया था. इसके बाद, उन्हें बिहार सरकार में मंत्री भी बनाया गया.
लेकिन जैसे-जैसे राजनीतिक स्थिति बदली, जदयू महागठबंधन से बाहर हो गया और बिहार में सरकार का समीकरण बदल गया. इसके बाद तेजप्रताप को विधानसभा क्षेत्र बदलने का फैसला लेना पड़ा. 2020 में, उन्होंने महुआ को छोड़कर हसनपुर सीट से चुनाव लड़ा और यहां भी बड़ी जीत हासिल की. हालांकि, यह जीत एंटी-इन्कंबेंसी (पूर्व विधायक के खिलाफ जनाक्रोश) की वजह से हुई, जहां उन्होंने जदयू के वरिष्ठ नेता राजकुमार राय को हराया.
क्या इस बार महुआ में वापसी करेंगे तेजप्रताप?
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या तेजप्रताप यादव इस बार चुनावी मैदान में उतरेंगे और अगर उतरेंगे तो कहां से? तेजप्रताप का दिल अब हसनपुर से उचट चुका है, और वे महुआ में वापस लौटना चाहते थे. लेकिन यह चाहत अब तक पूरी नहीं हो पाई. राजद के अंदर कई दावेदारों के बीच महुआ और हसनपुर सीटों के लिए हलचल तेज हो गई है, और पार्टी के बड़े नेता इन सीटों पर खास ध्यान दे रहे हैं.
तेजप्रताप यादव के बारे में हाल ही में आई प्रतिक्रियाओं से यह भी साफ हुआ है कि उनका मन अब हसनपुर से भी उचट गया है. अगर वे चुनाव नहीं लड़ते हैं, तो महुआ और हसनपुर की सीटों पर राजद के नए चेहरों का ध्यान केंद्रित होगा. ऐसे में ये सीटें राजद के लिए महत्वपूर्ण बन गई हैं, और यहां के उम्मीदवारों पर पार्टी का पूरा फोकस होगा.
राजद के भीतर दावेदारों की बढ़ी उम्मीदें
तेजप्रताप के चुनावी भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. राजद के भीतर महुआ और हसनपुर सीटों पर नए दावेदारों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. इन सीटों पर दावेदारी करने वाले नेताओं के लिए यह एक सुनहरा मौका हो सकता है. महुआ और हसनपुर दोनों ही क्षेत्र तेजप्रताप यादव से जुड़े रहे हैं, और अब इन पर राजद के नेताओं की निगाहें टिकी हैं.
तेजप्रताप का चुनावी रिकॉर्ड
2015 और 2020 में तेजप्रताप ने जो चुनावी रिकॉर्ड दर्ज किया, वो काफी रोचक है. महुआ में 2015 में उन्होंने 66,927 वोट हासिल किए थे और रविंद्र राय को हराया था. वहीं, हसनपुर में 2020 में उन्होंने 80,991 वोट हासिल किए थे, और राजकुमार राय को 20,000 से अधिक वोटों से हराया था. इन दोनों जीतों ने उन्हें बिहार के प्रमुख नेताओं में शामिल कर दिया था, लेकिन अब उनके चुनावी भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं.
क्या होगी तेजप्रताप की अगली रणनीति?
तेजप्रताप यादव के राजनीति में आने से लेकर अब तक का सफर दिलचस्प रहा है. अब यह देखना होगा कि वे आगामी विधानसभा चुनावों में महुआ या हसनपुर से चुनाव लड़ते हैं या फिर कुछ और कदम उठाते हैं. पार्टी के अंदर इस समय काफी हलचल है, और दोनों सीटों पर दावेदारों की उम्मीदें आसमान पर हैं. तेजप्रताप की तरफ से कोई भी अंतिम फैसला आने के बाद ही इन सीटों की राजनीतिक तस्वीर साफ हो पाएगी.


