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हिमाचल की तबाही से कांपा देश, जल शक्ति विभाग को 414 करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार विनाश की तस्वीर बनकर आया है. भारी बारिश और भूस्खलन ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. जगह-जगह सड़कें टूट गई हैं, बिजली ट्रांसफॉर्मर बंद हो चुके हैं और पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं. इस प्राकृतिक आपदा से सबसे बड़ा झटका जल शक्ति विभाग को लगा है, जिसकी अकेले 414 करोड़ रुपये की संपत्ति तबाह हो चुकी है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार कुदरत का कोप बनकर बरस रहा है. लगातार हो रही तेज बारिश से राज्य में तबाही का मंजर फैल गया है. बीते 25 दिनों में जहां 105 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं 35 लोग अब भी लापता हैं. इस आपदा में 1046 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से ढह चुके हैं. अब तक प्रदेश को करीब 786 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है.

राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन, सड़कें बंद, बिजली व्यवस्था ठप और जल संकट जैसी गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं. सबसे ज्यादा प्रभाव मंडी, कांगड़ा, कुल्लू और चंबा जिलों में देखने को मिला है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी दी है, जिससे हालात और बिगड़ने की आशंका है.

22 स्थानों पर भूस्खलन का खतरा, 199 सड़कें बंद

मंगलवार को भी राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश जारी रही. मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में 22 स्थानों पर भूस्खलन की आशंका बनी हुई है. इस वजह से 199 सड़कों को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर पानी का बहाव तेज होने से सड़कें बह गई हैं.

बिजली और पानी व्यवस्था चरमराई

राज्य में 68 ट्रांसफार्मर बंद हो चुके हैं, जिससे कई गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित है. इसके अलावा 171 पेयजल योजनाएं भी पूरी तरह से ठप्प हो गई हैं. अकेले मंडी जिले में 141 सड़कें, 61 ट्रांसफार्मर और 142 जल योजनाएं प्रभावित हुई हैं. कांगड़ा और सिरमौर जिलों में भी कई जल योजनाएं काम नहीं कर रही हैं.

105 लोगों की मौत, 35 अब भी लापता

आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 25 दिनों में बारिश जनित हादसों में 105 लोगों की मौत हो चुकी है और 186 लोग घायल हुए हैं. सबसे ज्यादा मौतें मंडी (21), कांगड़ा (17), कुल्लू (11) और चंबा (9) जिलों में दर्ज की गई हैं.

1046 मकान ढहे, 188 दुकानें और 798 गौशालाएं तबाह

प्राकृतिक आपदा में अब तक 1046 घर या तो आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं या पूरी तरह से ढह चुके हैं. साथ ही 188 दुकानें और 798 गौशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं. अकेले मंडी जिले में 856 मकान, 188 दुकानें और 644 गौशालाएं बर्बाद हो चुकी हैं.

कृषि और पशुपालन को भी भारी नुकसान

तेज बारिश और बाढ़ ने केवल जन-धन की हानि नहीं की, बल्कि कृषि और पशुपालन को भी व्यापक नुकसान पहुंचाया है. अब तक 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 954 अन्य पालतू पशु मारे जा चुके हैं.

जल शक्ति विभाग की संपत्ति को सबसे ज्यादा नुकसान

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, जल शक्ति विभाग को अब तक सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है. विभाग की करीब 414 करोड़ रुपये की संपत्ति प्रभावित हुई है. सरकार ने अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और राहत कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए हैं.

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16 July 2025, 10:54 AM IST

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