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मतदाता सूची में गलत जानकारी देने पर पहली बार UP में दर्ज हुआ मामला, SIR में गड़बड़ी पर सख्त हुआ प्रशासन

रामपुर में पहली बार SIR प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची में गलत जानकारी देने पर एक परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. महिला ने विदेश में रह रहे बेटों के जाली हस्ताक्षर किए थे. प्रशासन ने इसे गंभीर अपराध बताते हुए सख्त कार्रवाई का संदेश दिया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

रामपुरः उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में पहली बार एक ऐसा मामला दर्ज किया गया है. SIR के दौरान मतदाता सूची अपडेट करने के लिए जमा किए गए फॉर्म में गलत जानकारी देने पर एक पूरे परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है. यह कार्रवाई मतदाता सूची की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और चुनावी प्रक्रियाओं में किसी भी प्रकार की हेरफेर पर रोक लगाने के उद्देश्य से की गई है.

एफआईआर दर्ज करने की वजह

रामपुर के एक सुपरवाइजर ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि नूरजहां नाम की एक महिला ने अपने दो बेटों आमिर खान और दानिश खान की ओर से फॉर्म भरा था. प्रारंभिक जांच में पता चला कि दोनों बेटे कई सालों से दुबई और कुवैत में रह रहे हैं, फिर भी फॉर्म में उन्हें स्थानीय निवासी दिखाया गया. इतना ही नहीं, फॉर्म में उनके जाली हस्ताक्षर भी किए गए थे.

इन अनियमितताओं का खुलासा तब हुआ जब बूथ लेवल अधिकारी (BLO) ने डिजिटलीकरण प्रक्रिया के दौरान दस्तावेजों का मिलान किया. शिकायत के आधार पर बीएनएस एक्ट और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 के तहत पूरे परिवार पर एफआईआर दर्ज की गई है.

प्रशासन की सख्ती

रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट अजय कुमार द्विवेदी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि मतदाता सूची से संबंधित किसी भी प्रकार की गलत जानकारी देना गंभीर अपराध है. उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है. किसी भी प्रकार की गलत जानकारी, तथ्य छिपाना या दोहरी प्रविष्टि करना चुनावी नियमों का सीधा उल्लंघन है. ऐसे मामलों में कड़ी कानूनी कार्रवाई अनिवार्य है.

डीएम के मुताबिक, इस तरह की गलत प्रविष्टियाँ चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को प्रभावित करती हैं, इसलिए प्रशासन इसे लेकर शून्य सहनशीलता की नीति अपना रहा है.

क्या-क्या है आवश्यक?

  • अधिकारियों ने मतदाताओं के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं.
  • फॉर्म केवल वास्तविक निवास स्थान से ही जमा करें.
  • झूठी जानकारी देना या पहचान छिपाना कानूनन दंडनीय है.
  • एक ही व्यक्ति का नाम एक से अधिक स्थानों पर जोड़ने की कोशिश करना अपराध है.
  • अगर कोई गलती हो गई है, तो तुरंत बीएलओ से संपर्क कर उसे सुधारा जा सकता है.

ये दिशानिर्देश सुनिश्चित करते हैं कि मतदाता सूची सटीक और त्रुटिरहित हो, ताकि चुनावों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे.

पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया की दिशा में बड़ा कदम

रामपुर में दर्ज की गई यह एफआईआर बाकी जिलों और राज्यों के लिए भी एक सख्त संदेश है. प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि मतदाता रिकॉर्ड से छेड़छाड़ किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह कार्रवाई उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत चुनाव आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने में जुटा है.

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07 December 2025, 01:24 PM IST

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