चुनाव आयोग ने 2026 विधानसभा चुनावों से पहले असम में एसआईआर के दिए आदेश
भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को असम में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू करने का निर्देश जारी किया है.

भारत निर्वाचन आयोग ने असम में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का आदेश दिया है. यह कदम मतदाता सूची के वार्षिक विशेष सारांश पुनरीक्षण और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच का एक अतिरिक्त चरण माना जा रहा है.
असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने क्या कहा?
इस अभियान का उद्देश्य सभी योग्य मतदाताओं की सूची को सटीक, अद्यतन और विश्वसनीय बनाना है. असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निर्देश जारी करते हुए बताया कि इस विशेष संशोधन अभियान की अर्हता तिथि 1 जनवरी, 2026 होगी. यह निर्णय बिहार में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद आया है, जहां आयोग ने सबसे पहले एसआईआर अभियान चलाया था.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने क्या कहा?
आयोग के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मतदाता सूची के वास्तविक पुनरीक्षण से पहले कई पूर्व-निर्धारित गतिविधियां पूरी करना आवश्यक है, ताकि चुनाव के समय एक भरोसेमंद और पारदर्शी सूची तैयार की जा सके. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आयोग के इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि असम सरकार चुनाव आयोग के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा करने में पूरी मदद करेगी. सरमा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि इस निर्णय से सभी पात्र नागरिकों के लिए एक स्वच्छ, अद्यतन और सटीक मतदाता सूची सुनिश्चित होगी.
इससे पहले, चुनाव आयोग ने पिछले महीने कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर अभियान चलाने की घोषणा की थी. इनमें छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप शामिल हैं. इनमें से पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
क्या है विशेष पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य?
विशेष पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से छूट न जाए. इस प्रक्रिया के तहत नागरिक अपने नाम में सुधार, नाम जोड़ना या हटाना, पता बदलना या अन्य आवश्यक संशोधन कर सकते हैं. आयोग ने अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे इस अभियान को सुलभ, पारदर्शी और समय पर पूरा करने के लिए सभी संसाधनों का उचित उपयोग करें.


