यूपी में दो नमूने...सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव का तंज, जानें क्या बोले सपा प्रमुख
यूपी विधानसभा में अनुपूरक बजट के दौरान कफ सिरप मामले पर जोरदार हंगामा हुआ. सीएम योगी के बयान से सपा नाराज होकर वॉकआउट कर गई. बाद में अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पलटवार करते हुए भाजपा की अंदरूनी खींचतान पर तंज कसा.

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा का दूसरा दिन भी भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया. मंगलवार को योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का अनुपूरक बजट सदन में पेश किया, लेकिन बजट चर्चा से ज्यादा कफ सिरप मामले ने सियासी तापमान बढ़ा दिया. विपक्ष, खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की, जिसके चलते सदन में तीखी नोकझोंक देखने को मिली.
कफ सिरप मामले पर सरकार से जवाब की मांग
सपा विधायकों ने कफ सिरप प्रकरण को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए. विपक्ष का आरोप था कि इस मामले में लापरवाही बरती गई और जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई. सपा नेताओं ने सदन में जवाब की मांग करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की.
सीएम योगी के बयान बढ़ा विवाद
कफ सिरप मामले पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त लहजे में कहा कि राज्य में इस मामले में एक भी मौत नहीं हुई है और सरकार पूरी तरह सतर्क है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि जरूरत पड़ी तो आरोपियों पर बुलडोजर एक्शन जैसी कड़ी कार्रवाई से भी पीछे नहीं हटेंगे. इसी दौरान उन्होंने दिल्ली और उत्तर प्रदेश की राजनीति का जिक्र करते हुए कहा कि देश में दो नमूने हैं, जिनमें से एक यहां सदन में बैठे हैं. इस टिप्पणी को विपक्ष ने खुद पर सीधा हमला माना.
सपा विधायकों का वॉकआउट
मुख्यमंत्री की टिप्पणी से नाराज समाजवादी पार्टी के विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. सपा नेताओं का कहना था कि मुख्यमंत्री ने संवैधानिक पद पर रहते हुए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है. वॉकआउट के बाद यह मुद्दा सदन से निकलकर सियासी बयानबाजी तक पहुंच गया.
अखिलेश यादव का सोशल मीडिया पर पलटवार
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के बयान पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) के जरिए पलटवार किया. उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि यह “आत्म-स्वीकृति” है और किसी को उम्मीद नहीं थी कि दिल्ली-लखनऊ की लड़ाई इस स्तर तक पहुंच जाएगी. अखिलेश ने यह भी कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को मर्यादा में रहना चाहिए और भाजपा को अपनी अंदरूनी खींचतान सार्वजनिक मंचों पर नहीं लानी चाहिए.
किस पर था अखिलेश का तंज?
अखिलेश यादव के इस बयान को भाजपा के भीतर केंद्र और राज्य नेतृत्व के बीच मतभेदों पर तंज के रूप में देखा जा रहा है. “भाजपाई अपनी पार्टी के अंदर की खींचातानी को चौराहे पर न लाएं” जैसे शब्दों के जरिए उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि भाजपा के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. साथ ही “कहीं कोई बुरा मान गया तो वापस जाना पड़ेगा” जैसी पंक्ति को भी सीएम योगी पर व्यक्तिगत कटाक्ष के तौर पर देखा जा रहा है.
आत्म-स्वीकृति!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 22, 2025
किसी को उम्मीद नहीं थी कि दिल्ली-लखनऊ की लड़ाई यहाँ तक पहुँच जाएगी। संवैधानिक पदों पर बैठे लोग आपस में कुछ तो लोक-लाज रखें और मर्यादा की सीमा न लाँघें। भाजपाई अपनी पार्टी के अंदर की खींचातानी को चौराहे पर न लाएं। कहीं कोई बुरा मान गया तो वापस जाना पड़ेगा। pic.twitter.com/99SMGEgD7M
सीएम योगी का सख्त रुख
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि कफ सिरप मामले में जिन लोगों पर उंगलियां उठ रही हैं, उनके तार समाजवादी पार्टी से जुड़े हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार तथ्यों के आधार पर कार्रवाई कर रही है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
राजनीति के केंद्र में आया कफ सिरप मामला
कुल मिलाकर, कफ सिरप का मुद्दा अब सिर्फ स्वास्थ्य या कानून व्यवस्था का सवाल नहीं रह गया है, बल्कि यह सत्ता और विपक्ष के बीच राजनीतिक टकराव का बड़ा कारण बन गया है. विधानसभा में हुए इस हंगामे और उसके बाद सोशल मीडिया पर चली बयानबाजी ने साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा यूपी की राजनीति में और गरमाने वाला है.


