बिहार में मतदाता पंजीकरण आसान, दस्तावेज़ बाद में जमा कराने की अनुमति
भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार के मतदाताओं को बड़ी राहत देते हुए स्पष्ट किया है कि यदि आवश्यक दस्तावेज और फोटो उपलब्ध नहीं हैं, तो भी वे गणना फॉर्म भरकर बूथ लेवल अधिकारी (BLO) को जमा कर सकते हैं.

केंद्रीय चुनाव आयोग ने बिहार सहित पूरे देश के मतदाताओं को जागरूक करने और पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अखबारों में एक पूर्ण पृष्ठ का विज्ञापन जारी किया है. इस विज्ञापन में बताया गया है कि पात्र नागरिक मतदाता पंजीकरण के लिए या तो पारंपरिक कागज आधारित फॉर्म भर सकते हैं या ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.
आयोग ने दी राहत
सबसे अहम बात यह है कि आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों के पास जरूरी दस्तावेज और फोटो नहीं हैं, वे भी गणना फॉर्म भरकर बूथ लेवल अधिकारी (BLO) को जमा कर सकते हैं. दस्तावेजों के अभाव में भी निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी स्थानीय जांच या अन्य प्रमाणों के आधार पर निर्णय ले सकता है.
आयोग ने यह भी कहा है कि जिन नागरिकों का नाम 1 जनवरी, 2003 तक मतदाता सूची में शामिल था, उन्हें किसी अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी. यह निर्णय बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत लिया गया है, जिसके अंतर्गत 1987 के बाद जन्मे लगभग 2.93 करोड़ मतदाताओं से जन्म तिथि और स्थान के साथ-साथ माता-पिता के जन्म से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी. हालांकि इस प्रक्रिया की विपक्षी दलों द्वारा आलोचना की गई, लेकिन चुनाव आयोग ने स्थिति स्पष्ट करते हुए नियमों में कुछ लचीलापन बरता है.
अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को की जाएगी प्रकाशित
जो मतदाता 2003 की मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं, उन्हें अपनी पात्रता सिद्ध करने के लिए 11 सूचीबद्ध दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना आवश्यक होगा. इनमें जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, वन अधिकार पत्र और पेंशन भुगतान आदेश जैसे दस्तावेज शामिल हैं. गौरतलब है कि आधार कार्ड को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है. गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख 26 जुलाई तय की गई है और अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी.