एक झटके में सब कुछ हो गया बर्बाद... कहां है उत्तराखंड में धराली, जहां बाढ़ से मची भारी तबाही?
उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई, कई घर, होटल और होमस्टे बह गए, जबकि 10–12 लोग मलबे में दबे होने की आशंका है. SDRF, सेना और प्रशासन राहत-बचाव कार्य में जुटे हैं, गांव के लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली गांव एक प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया. हिमालय की गोद में बसे इस छोटे से पहाड़ी गांव में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी. खेतों, घरों, होटलों और होमस्टे को भारी नुकसान पहुंचा है. प्रशासन के मुताबिक, 10 से 12 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं, जबकि 20 से ज्यादा होटल और होमस्टे पानी में बह गए हैं.
घटना के बाद से SDRF, सेना और प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. गांव के लोग पहाड़ की ऊंचाई की ओर भागते नजर आए, जबकि कई घरों और दुकानों को देखते ही देखते बाढ़ की तेज धार बहाकर ले गई.
धराली: हसीन वादियों से तबाही के मंजर तक
उत्तरकाशी जिले के राजगढ़ी तहसील और नौगांव ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला धराली गांव, गंगोत्री जाने वाले मार्ग पर स्थित है. ये हरसिल से 7 किलोमीटर और गंगोत्री से 19 किलोमीटर पहले स्थित है. समुद्रतल से ऊंचाई पर बसे इस गांव के पास से ही खीर गंगा (खीर गढ़) नदी बहती है. धराली अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सेब के बागानों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां की भौगोलिक संवेदनशीलता इसे आपदाओं की दृष्टि से बेहद संवेदनशील बनाती है.
गांव की जनसंख्या और सामाजिक ढांचा
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, धराली गांव की कुल आबादी 505 है, जो 85 परिवारों में बंटी हुई है. इनमें 256 पुरुष और 249 महिलाएं शामिल हैं. गांव का लिंगानुपात 973 है, जो कि उत्तराखंड के औसत 963 से थोड़ा बेहतर है. 0–6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की संख्या 53 है, जिनमें बाल लिंगानुपात 963 है, जबकि राज्य का औसत 890 है.
बादल फटने से आया सैलाब, बह गए होटल और घर
स्थानीय लोगों के मुताबिक, खीर गंगा कैचमेंट एरिया में अचानक बादल फटने से नदी में भीषण सैलाब आ गया, जिसने पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया. अनुमान है कि करीब 20–25 होटल और होमस्टे बाढ़ में बह गए हैं, जबकि 10–12 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं. कई लोगों के लापता होने की आशंका है. वायरल हो रहे वीडियो में साफ दिख रहा है कि लोग जान बचाने के लिए ऊंची जगहों की ओर भाग रहे हैं और तेज बहाव में कई संरचनाएं गिर रही हैं.
बचाव कार्य में जुटे SDRF और सेना
राहत और बचाव कार्य के लिए SDRF, सेना और जिला प्रशासन की टीमों को मौके पर तैनात किया गया है. उत्तराखंड पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे ना जाएं और प्रभावित क्षेत्रों में पूरी सावधानी बरतें. राज्य सरकार ने भी राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. प्रशासन का कहना है कि लापता लोगों की खोजबीन जारी है और प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
पर्यटन और धर्मस्थल के बीच फंसी संवेदनशीलता
गंगोत्री धाम के मार्ग पर स्थित होने के कारण धराली धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है. हर साल हजारों श्रद्धालु यहां से होकर गंगोत्री की यात्रा करते हैं, लेकिन बार-बार सामने आ रही प्राकृतिक आपदाएं यह सवाल खड़ा करती हैं कि क्या यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर और आपदा प्रबंधन की तैयारियां पर्याप्त हैं?


