डिब्रूगढ़ से बाहर आएगा अमृतपाल या बदलेगा मामला? NSA के बाद सरकार का अगला कदम अहम
खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह इस समय असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ लगाए गए नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) की अवधि जल्द ही दो साल पूरी होने वाली है.

पंजाब के खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद से उनके कई सहयोगियों को असम की डिब्रूगढ़ जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में रखा गया था. हाल ही में, पंजाब सरकार ने सात आरोपियों की NSA हिरासत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पंजाब लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
सात आरोपियों के नाम
इन सात आरोपियों में बासंत सिंह, भगवंत सिंह बेजेखाना, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, सरबजीत सिंह कालसी, रंजीत सिंह कालसी, गुरिंदरपाल सिंह गुर्री औजला, हरजीत सिंह (उर्फ चाचा) और कुलवंत सिंह शामिल हैं. इन सभी को 2023 में अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया था. पंजाब पुलिस अब इन आरोपियों को डिब्रूगढ़ जेल से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पंजाब लाएगी, जहां उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
हिरासत की अवधि बढ़ी
इससे पहले, अमृतपाल सिंह और उनके नौ सहयोगियों की NSA हिरासत की अवधि 2024 में एक वर्ष के लिए बढ़ाई गई थी. हालांकि, अब पंजाब सरकार ने सात आरोपियों की हिरासत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया है, जबकि अमृतपाल सिंह की हिरासत की अवधि अप्रैल 2025 तक बढ़ा दी गई है. सूत्रों के अनुसार, यदि NSA के तहत अमृतपाल सिंह की हिरासत की अवधि बढ़ाई जाती है, तो उन्हें यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में ही रखा जा सकता है.
अमृतपाल सिंह, 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख हैं. अमृतपाल ने 2024 के लोकसभा चुनावों में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. उनकी गिरफ्तारी और उनके सहयोगियों की कानूनी प्रक्रिया पंजाब में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही है.


