Automobile: शोरूम पर नई कार खरीदने से पहले जरूरी है प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन, क्या आपने भी किया?

कई बार लापरवाही या मुनाफे के चलते कस्टमर्स को ऐसी कार डिलीवर कर दी जाती है, जो आगे चलकर उस कस्टमर के लिए सिरदर्द बनती है। ऐसे में नई कार की डिलीवरी लेने से पहले प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन करना जरूरी है, ताकि कार की खामियों को पहले ही पकड़ा जा सके

Abhishek Sharma
Abhishek Sharma

हाइलाइट

  • शोरूम पर ग्राहक को कार बेचने से पहले डीलरशिप द्वारा अनिवार्य रूप से PDI यानी प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन किया जाता है।

यूं तो हर ऑटोमोबाइल डीलर्स नई कार खरीदने वाले अपने कस्टमर्स को बेस्ट सर्विस देना चाहता है, लेकिन कई बार लापरवाही या मुनाफे के चलते कस्टमर्स को ऐसी कार डिलीवर कर दी जाती है, जो आगे चलकर उस कस्टमर के लिए सिरदर्द बनती है। ऐसे में नई कार की डिलीवरी लेने से पहले pre delivery inspection करना जरूरी है, ताकि कार की खामियों को पहले ही पकड़ा जा सके।

कार बेचने से पहले होता है प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन

किसी शोरूम पर ग्राहक को कार बेचने से पहले डीलरशिप द्वारा अनिवार्य रूप से PDI यानी प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन किया जाता है। इसमें कार के इंजन, एक्सटीरियर, इंटीरियर, फंक्शन आदि की जांच की जाती है और जांच पूरी होने पर डीलर पीडीआई का बैज लगा देता है। हालांकि कस्टमर को कार की डिलीवरी से पहले खुद ही प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन जरूर करना चाहिए।

इसलिए जरूरी है पीडीआई

विक्रेता-क्रेता के बीच का रिश्ता भरोसे का माना जाता है, लेकिन कई बार कार डीलर कस्टमर को खराबी वाली कार बेच देता है। डीलरशिप ऐसा सेल्स के बेहतर आंकड़े दिखाने के लिए भी करती है। कोई कार डेमो के लिए इस्तेमाल होती है तो उसे चमका कर बेच दिया जाता है। ट्रांसपोर्टेशन में डेमेज कार को भी रिपेयर कर तो स्टॉक में लंबे समय से पड़े मॉडल पर कुछ ऑफर देकर बेच दिया जाता है। कई बार लंबी वेटिंग लिस्ट वाले मॉडल में प्रोडक्शन स्तर पर ही कमियां रह जाती हैं, जिन्हें डीलर स्तर पर सुधार कर जल्दबाजी करने वाले कस्टमर को बेच दिया जाता है। ऐसे में पीडीआई करने से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको डिलीवर होने वाली कार में कोई परेशानी तो नहीं।

डॉक्यूमेंट पर साइन करने से पहले पीडीआई के लिए कहें

जब भी कभी कार डिलीवरी के लिए जाएं, पूरा समय लेकर जाएं और डॉक्यूमेंट पर साइन करने और वाहन के आपके नाम पर रजिस्ट्रेशन से पहले डीलर से उस कार की पीडीआई करने को कहें। यदि आपको कार की जानकारी नहीं है तो किसी जानकार साथी या मैकेनिक को साथ ले जाएं। कार मॉडल के ब्रोशर और बेसिक फंक्शनिंग को समझना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। डीलर को डिलीवरी प्वॉइंट, जो अक्सर पर्याप्त रोशनी वाली जगह पर होगा, पर पीडीआई कराने के लिए कहें। यदि डीलर कार के प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन के लिए मना करता है तो आप उस कार को लेने से इनकार कर सकते हैं।

सबसे पहले कार का एक्सटीरियर और इंटीरियर चैक करें

पीडीआई के दौरान कार के चारों तरफ घूम कर अच्छे से चैक करें कि कहीं कोई स्क्रेच या डेंट तो नहीं। बंपर और कॉर्नर सहित कार की बॉडी पर हल्के हाथ फेरकर देखें कि कहीं डेंट छुपाने के लिए पॉलिश तो नहीं की गई है। कहीं डाउट हो तो अलग-अलग एंगल से बारीकी के साथ उस जगह को देखें पेंट हल्का उभरा हुआ और कलर में डिफरेंस दिख जाएगा। गेट और डिक्की की स्मूथ ओपनिंग क्लोजिंग जांच लें। कार की विण्डो की फिनिशिंग देखें। टायर चेक करें कि कहीं कटे-फटे तो नहीं।
कार के इंटीरियर में डैशबोर्ड, सीट्स की फंक्शनिंग, ग्लोवबॉक्स, विण्डो मिरर आदि की जांच कर लें। एसी ठीक से काम कर रहा है या नहीं। सनरूफ प्रोपरली खुल रही है या नहीं।

इंजन और ओडोमीटर की भी जांच जरूरी

कार का इंजन स्टार्ट करें, देखें कि इसमें कोई परेशानी तो नहीं आ रही। कहीं अत्यधिक आवाज तो नहीं आ रही। इंजन के चालू रहने के दौरान कार की बॉडी, मिरर और सीटें कंपन तो नहीं कर रही हैं। दो-तीन बार एक्सीलेटर दबाकर देखें कि कहीं साइलेंसर से काला धुआं तो नहीं निकल रहा। कार का ओडोमीटर, उसमें दिखने वाले फीचर्स और दूसरे फंक्शन के पुश और टच बटन भी चेक करें। ओडोमीटर में कार की रनिंग 50 किलोमीटर से बहुत अधिक न हो इसका ध्यान रखें।
 
फॉर्म 22 चेक करना न भूलें
कार खरीदने से पहले कार निर्माता कंपनी द्वारा जारी फॉर्म 22 जांचना न भूलें। परिवहन विभाग के नियमानुसार मैन्यूफैक्चरर इस डॉक्यूमेंट को जारी करते हैं और इसमें कार का ब्रांड, चैसिस नंबर, इंजन नंबर, एमिशन नॉर्म्स, नॉइस लेवल आदि जानकारी दी होती है। जब वाहन प्लांट से बनकर निकलता है, तब से यह डॉक्यूमेंट डीलर के पास होता है। इसके माध्यम से मॉडल के निर्माण की तिथि जानी जा सकती है। साथ ही यह चेक किया जा सकता है कि इंजन नंबर और चेसिस नंबर डीलर द्वारा दिए डॉक्यूमेंट्स से मेल खाता है या नहीं।

कार की टेस्ट ड्राइव भी लें

कार की डिलीवरी लेने से पहले उसकी टेस्ट ड्राइव जरूर लें। इस दौरान स्टीयरिंग, गियरबॉक्स, सस्पेंशन और नाॅइस को भी चेक करें।

कार डिलीवरी लेने से पहले ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे आरसी, इंश्योरेंस, वारंटी कार्ड, एएमसी, आरएसए सहित सभी दस्तावेजों, उनमें दी गई डिटेल्स को सही से जांच लें कि कहीं जल्दबाजी या लापरवाहीवश कोई गलत जानकारी तो नहीं भर दी गई है। पेमेंट करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं कोई सर्विस चार्ज आदि हिडन चार्जेज तो नहीं लगा दिए गए हैं।

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20 April 2023, 08:56 PM IST

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