एंड्रॉयड पर चैटजीपीटी अचानक बंद होने के बाद फिर हुआ चालू, OpenAI ने ठीक की गड़बड़ी
ओपनएआई के मुताबिक, उनके चैटबॉट में एक साथ 13 अलग-अलग फीचर्स लॉगिन होना बंद हो गया. बातचीत अटक रही है, सर्च काम नहीं कर रहा, फाइल अपलोड फेल, रिसर्च मोड लोडिंग ही दिखाता रहा और तो और, इमेज जेनरेशन तक ने हाथ खड़े कर दिए.

नई दिल्ली: गुरुवार को एंड्रॉयड उपयोगकर्ता चैटजीपीटी पर लॉगिन और बातचीत जैसी कई समस्याओं का सामना कर रहे थे. कंपनी के अनुसार, ये गड़बड़ियां उसके कई प्रमुख फ़ंक्शन्स को प्रभावित कर रही थीं. हालांकि, समस्या की पहचान होने के बाद OpenAI ने तत्काल कदम उठाए और अब सभी सेवाएं पूरी तरह बहाल कर दी गई हैं.
OpenAI ने अपनी स्टेटस पेज पर जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने समस्या की पहचान कर ली है और समाधान लागू कर दिया गया है. सभी प्रभावित सेवाएं अब पूरी तरह से बहाल हो चुकी हैं.
लॉगिन से लेकर इमेज जेनरेशन तक
OpenAI के मुताबिक, चैटजीपीटी के कुल 13 फीचर्स प्रभावित हुए थे. इनमें लॉगिन, बातचीत, सर्च, फाइल अपलोड, वॉइस मोड, GPTs, इमेज जेनरेशन, डीप रिसर्च, एजेंट, कोडेक्स, चैटजीपीटी Atlas और कनेक्टर्स शामिल थे.
एंड्रॉयड पर चैटजीपीटी में गलतियां
OpenAI ने अपने स्टेटस पेज पर लिखा कि प्रभावित सेवाओं में उपयोगकर्ताओं को लगातार एरर मिल रहे थे. बाद में बताया गया कि समस्या का समाधान कर दिया गया है और अब सभी सेवाएं सामान्य रूप से काम कर रही हैं.
क्लाउडफ्लेयर आउटेज के बाद एक और व्यवधान
यह घटना एक महीने बाद हुई है जब क्लाउडफ्लेयर आउटेज के कारण चैटजीपीटी सहित कई वैश्विक वेबसाइटों में भारी व्यवधान आया था. साइबरसिक्योरिटी फर्म के नेटवर्क में आई इस बड़ी दिक्कत के कारण X से लेकर ChatGPT तक कई साइटें घंटों तक प्रभावित रहीं.
क्लाउडफ्लेयर ने बताया था कि समस्या एक ऑटोमैटिकली तैयार हुई कॉन्फिगरेशन फाइल से हुई थी, जो सुरक्षा जोखिमों को संभालने के लिए डिजाइन की गई थी. कंपनी ने कहा था कि इस घटना के पीछे किसी हमले या दुर्भावनापूर्ण गतिविधि का कोई सबूत नहीं है.
OpenAI और ChatGPT का बढ़ता प्रभाव
पिछले कुछ वर्षों में ChatGPT की लोकप्रियता में जबरदस्त वृद्धि हुई है. OpenAI के अनुसार, वॉलमार्ट, मॉर्गन स्टैनली और टारगेट जैसी एक मिलियन कंपनियां अब इसके टूल्स का उपयोग आंतरिक कार्यों और ग्राहक सेवाओं के लिए कर रही हैं.
कंपनी चैटजीपीटी के पेड प्लान्स से कमाई करती है, जबकि बड़ी संख्या में लोग इसका फ्री वर्जन इस्तेमाल करते हैं. हाल ही में OpenAI ने अपना वेब ब्राउजर ‘Atlas’ लॉन्च किया था, जो गूगल क्रोम को चुनौती देने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है. नवंबर में OpenAI ने भारत में ‘ChatGPT Go’ प्लान को एक साल के लिए मुफ्त कर दिया था, जो अभी भी सक्रिय है और उपयोगकर्ताओं को एडवांस्ड AI टूल्स बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराता है.


