मृत बीवी की प्रतिमा को सोने के गहने से सजा हर रोज करते हैं श्रृंगार, वजह है बेहद इमोशनल
ये किस्सा बेहद भावुक और संजीदा है, जहां एक पति अपनी पत्नी के मौत के बाद उसका प्रतिमा बनाकर न सिर्फ उसकी उपस्थिति महसूस करता है बल्कि हर रोज उसे सजाता और संवारता भी है। दरअसल, इसके पीछे की कहानी या वजह कह लें.. वो बेहद भावुक करने वाली है।
आज के वक्त में जहां मानवीय रिश्तें बेजार से हो चुके हैं, वहीं अगर कोई अपनी पत्नी के पुतले से प्रेम करे तो उसे क्या कहा जाएगा। जी हां, ये किस्सा बेहद भावुक और संजीदा है। जहां एक पति अपनी पत्नी के मौत के बाद उसका प्रतिमा बनाकर न सिर्फ उसकी उपस्थिति महसूस करता है बल्कि हर रोज उसे सजाता और संवारता भी है। दरअसल, इसके पीछे की कहानी या वजह कह लें.. वो बेहद भावुक करने वाली है।
कोराना की दूसरी लहर में चल बसी पत्नीये किस्सा है कोलकाता के रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग तापस शांडिल्य की जिन्होने लगभग दो साल कोराना के चलते अपनी पत्नी को हमेशा के लिए खो दिया है। कोराना की दूसरी लहर में तापस शांडिल्य की पत्नी इंद्राणी इस गंभीर बीमारी से संक्रमित हुई और फिर इसी के चलते 4 मई, 2021 को उनकी मौत हो गई। इस तरह से तापस शांडिल्य और इंद्राणी के सात जन्मों का सफर फिलहाल इस जन्म के लिए खत्म हो गया। ऐसे में अपनी पत्नी से बेहद स्नेह करने वाले शांडिल्य के लिए अकेले रहना मुश्किल हो गया तो उन्हें पत्नी की वो बात याद आई जो उन्होनें सालों पहले मजाक में कही थी।
सालों पहले के वाकया ने सुझाया नायाब तरकीब
असल में मृत पत्नी की प्रतिमा बनाने का विचार तापस शांडिल्य को इनकी पत्नी इंद्राणी ने ही दिया था। मालूम हो कि तापस शांडिल्य लगभग 10 साल पहले इंद्राणीके साथ मायापुर के इस्कॉन मंदिर दर्शन करने गए थे। यहीं पर पहली बार इन्होनें मंदिर में ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी की एक सजीव प्रतिमा देखी थी। तापस शांडिल्य बताते हैं कि उस सजीव प्रतिमा को देख तभी इंद्राणी ने उनसे कहा था कि अगर मेरी मौत हो जाए तो आप भी मेरी ऐसी ही प्रतिमा बनवा कर अपने पास रख लेना।
ऐसे में जब इंद्राणी की मौत हुई तो तापस ने उनकी सालों पहले कही हुई बात को सच करने की ठानी और इसके लिए वो जानकारी इक्ठ्ठा करने लगे कि किस तरह से सजीव प्रतिमा बनाई जाए। तापस ने इसके लिए इंटरनेट पर खंगालना शुरू किया कि सिलिकॉन की प्रतिमा कौन बनाता है और कैसे बनाता है?आखिरकार तापस की तलाश साल 2022 में खत्म हुई जब उन्हें मूर्तिकार सुबीमल दास के रूप में उनके सपने को साकार करने वाला मिला। तापस ने इंद्राणी की तस्वीरें और बाकी जानकारी लेकर मूर्तिकार ने काम शुरू किया। इसके लिए सुबीमल ने सबसे पहले मिट्टी का एक मॉडल तैयार किया और फिर उस पर फाइबर मोल्डिंग और सिलिकॉन कास्टिंग कर इंद्राणी के मूर्त रूप को गढ़ा।
2.5 लाख खर्च कर बनवाया पत्नी की प्रतिमा
तापस बताते हैं कि पत्नी की प्रतिमा बनाने में कुल ढ़ाई लाख का खर्च आया और 6 महीने में वो बनकर तैयार हो गई। प्रतिमा बनने के बाद तापस उसे पत्नी के रूप में घर लेकर आए और उसे ठीक उसी तरह से रखा जैसा कि कभी इंद्राणी रहा करती थी। उसे सोने के गहने पहनाए और श्रंगार किया। हालांकि तापस का ये फैसला शुरूआत में उनके करीबियों और सगे सबंधियों को सही नहीं लगा। पर बाद में तापस का इंद्राणी के प्रति अगाढ़ प्रेम देख सभी ने इसे स्वीकार कर लिया।