इंजीनियरिंग का अनोखा नमूना...लखनऊ के बाद अब नागपुर में मकान की बालकनी से गुजरने वाला Flyover, वीडियो Viral
नागपुर के अशोक चौक पर 998 करोड़ की लागत से बन रहा फ्लाईओवर एक घर की बालकनी से होकर गुजरने पर विवादों में है. 150 साल पुराने मकान को न हटाने पर NHAI व NMC पर सवाल उठे हैं. विधायक मोहन मते ने लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

भोपाल के 90 डिग्री वाले फ्लाईओवर के बाद अब महाराष्ट्र के नागपुर में भी एक अनोखी इंजीनियरिंग का नमूना सामने आया है. अशोक चौक के पास बन रहा फ्लाईओवर चर्चा में है क्योंकि इसका एक हिस्सा सीधे एक घर की बालकनी से होकर गुजर रहा है. स्थानीय लोग इसे 'आठवां अजूबा' बता रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) व नागपुर नगर निगम (NMC) ने ऐसा निर्माण कैसे अनुमति देकर होने दिया.
निवासियों की शंका
इलाके के निवासियों का कहना है कि या तो यह मकान अधिकृत है, तो फिर मुआवजा देकर अधिग्रहित क्यों नहीं किया गया, और यदि अनधिकृत है, तो इसे गिराया क्यों नहीं गया. लोगों को हैरानी है कि बिना स्पष्ट कार्रवाई के फ्लाईओवर की योजना इस तरह आगे बढ़ाई गई. इस रहस्य को समझने के लिए मीडिया टीम अशोक चौक पहुंची और मकान मालिक प्रवीण पात्रे, उनकी बेटी सृष्टि और दक्षिण नागपुर के विधायक मोहन मते से बातचीत की.
पेश है इंजीनियरिंग की नई मिसाल, लखनऊ के बाद अब नागपुर में ठेकेदारों का नया कारनामा. मकान की बालकनी से ही निकाल दिया फ्लाईओवर ब्रिज pic.twitter.com/TqKGx5mXpp
— Yashpal Singh Sengar यशपाल सिंह सेंगर (@YASHPALSINGH11) September 18, 2025
150 साल पुरानी पुश्तैनी संपत्ति
प्रवीण पात्रे और उनकी बेटी ने बताया कि उनका परिवार छह पीढ़ियों से इस घर में रह रहा है और यह घर लगभग 150 साल पुराना है. करीब 25 साल पहले इसका नवीनीकरण कराया गया था. उन्होंने कहा कि उन्हें फ्लाईओवर के उनकी बालकनी से होकर गुजरने पर कोई आपत्ति नहीं है, और वे सुरक्षा को लेकर भी चिंतित नहीं हैं. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी बालकनी का नक्शा अधिकृत है और क्या नगर निगम से मंजूरी ली गई थी, तो उन्होंने इस पर स्पष्ट उत्तर नहीं दिया.
998 करोड़ रुपये की परियोजना पर संदेह
यह फ्लाईओवर 9.2 किलोमीटर लंबा है और इसे NHAI की देखरेख में लगभग 998 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है. NHAI के अधिकारियों ने कैमरे पर बोलने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले की सूचना नगर निगम को पहले ही दे दी थी. उनका कहना है कि यदि कोई निर्माण अवैध है तो उसे हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन नगर निगम के अधिकारी इस पर कोई टिप्पणी करने से बचते रहे.
विधायक ने की जवाबदेही तय करने की मांग
दक्षिण नागपुर के भाजपा विधायक मोहन मते ने कहा कि उन्हें भी यह देखकर हैरानी हुई कि नगर निगम, नागपुर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (NIT) या NHAI के अधिकारियों ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. उन्होंने मांग की कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए. उन्होंने कहा कि नागपुर शहर में विकास कार्य जारी हैं, लेकिन इस तरह की लापरवाही शहर की छवि को नुकसान पहुंचा रही है. मते ने स्पष्ट कहा कि फ्लाईओवर के उस हिस्से तक पहुँचने से पहले ही अधिकारियों को नोटिस देकर उस बालकनी को हटवा देना चाहिए था.
पहले भी सामने आए मामले
इससे पहले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐसा ही मामला सामने आया, जहां रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर 90 डिग्री के एंगल वाला फ्लाईओवर बना दिया था, जिसके बाद कई सवाल खड़े हुए थे. हालांकि, इसके बाद लखनऊ में भी यही कारनामा सामने आया था. यूपी की राजधानी में एक फ्लाईओवर का निर्माण मकान के बीचोंबीच होकर गुजर रहा था, जिसके बाद उसका निर्माणकार्य रोक दिया गया.


