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बेंगलुरू में एक रेस्टोरेंट के वैलेट को रील बनाना पड़ा भारी, बेसमेंट की दीवार में जा घुसी 1.4 करोड़ की मर्सिडीज

बेंगलुरु की दिव्या छाबड़ा का पारिवारिक भोजन का अनुभव उस समय दुःस्वप्न में बदल गया जब उनके 1.4 करोड़ रुपये की मर्सिडीज-बेंज को मराठाहल्ली स्थित 'द बिग बारबेक्यू' रेस्तरां के वैलेट स्टाफ ने लापरवाही से चला कर क्षतिग्रस्त कर दिया. छाबड़ा का आरोप है कि रेस्तरां ने दुर्घटना को छिपाने की कोशिश की और जाँच में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. मामले में पुलिस और बीमा एजेंसियां जांच कर रही हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

बेंगलुरु निवासी दिव्या छाबड़ा का रविवार दोपहर परिवार संग भोजन का कार्यक्रम उस समय एक भयावह अनुभव में बदल गया, जब मराठाहल्ली स्थित 'द बिग बारबेक्यू' रेस्तरां के वैलेट स्टाफ ने उनकी नई मर्सिडीज-बेंज कार को कथित तौर पर लापरवाही से चलाकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. कार की कीमत करीब 1.4 करोड़ रुपये है. छाबड़ा का आरोप है कि रेस्तरां के कर्मचारियों ने न केवल लापरवाही बरती, बल्कि दुर्घटना को छिपाने की भी कोशिश की.

बेसमेंट की दीवार से टकराई कार

दिव्या छाबड़ा के अनुसार, उन्होंने अपनी कार 26 फरवरी को रेस्तरां के वैलेट स्टाफ को सौंपी थी. लेकिन महज 45 मिनट बाद उन्हें बताया गया कि वाहन बेसमेंट की दीवार से टकरा गया है. घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही रेस्तरां कर्मियों ने कथित तौर पर दुर्घटना से संबंधित मलबा हटा दिया था.

सोशल मीडिया के लिए बना रहे थे रील

प्रारंभिक तौर पर रेस्तरां ने इसे सामान्य पार्किंग दुर्घटना बताया, लेकिन बाद में सीसीटीवी फुटेज में सामने आया कि तीन वैलेट बारी-बारी से कार को चला रहे थे और सोशल मीडिया रील्स शूट कर रहे थे. इनमें से एक व्यक्ति अब्दुल्ला लस्कर, जिसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, ने अंततः वाहन को क्षतिग्रस्त किया.

छाबड़ा ने बताया कि लस्कर ने फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी. जांच में पता चला कि जिस लाइसेंस नंबर का उसने उपयोग किया, वह 2010 में जारी हुआ था जबकि उसका जन्म वर्ष 1999 है. अन्य दो वैलेट्स में से एक के पास भी लाइसेंस नहीं था, और केवल एक ही व्यक्ति वैधानिक रूप से ड्राइविंग के लिए अधिकृत था.

स्टाफ ने माना महंगी कारों से बनाते थे रील

बीमा एजेंसियों और आरटीओ द्वारा की गई जांच ने इस धोखाधड़ी की पुष्टि की. जांच के दौरान वह रील भी बरामद हुई, जिसे कार के साथ शूट किया गया था. छाबड़ा ने यह भी दावा किया कि वैलेट स्टाफ ने स्वीकार किया कि महंगी कारों का इस तरह से इस्तेमाल आम था.

दिव्या छाबड़ा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “मैंने सिर्फ एक वैलेट को चाबी दी थी, लेकिन बाद में दो अन्य युवक भी उसी कार को लेकर बेसमेंट में गए और वहीं हादसा हुआ.” उन्होंने यह भी कहा कि रेस्तरां प्रबंधन ने मामले को भटकाने के लिए उस दिन मौजूद न होने वाले व्यक्ति को ड्राइवर के रूप में पेश किया.

कई सवाल हुए खड़े

इसके अलावा, छाबड़ा का आरोप है कि घटना के बाद रेस्तरां ने एक थर्ड पार्टी वैलेट एजेंसी के साथ पीछे की तारीख में फर्जी अनुबंध तैयार किया. सहयोग करने की बजाय रेस्तरां मालिक ने एफआईआर को खारिज करवाने की कोशिश करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. इस पूरे मामले ने रेस्तरां की जिम्मेदारी, वैलेट सेवाओं की विश्वसनीयता और उपभोक्ता अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस और बीमा एजेंसियां मामले की जांच में जुटी हुई हैं.

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29 April 2025, 09:46 PM IST

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