आम आदमी को एक और बड़ी राहत!, 5 साल बाद RBI ने रेपो रेट में की 0.25% की कटौती, सस्ते होंगे होम लोन और EMI
रेपो रेट में हुई इस 0.25 प्रतिशत (25 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती से होम लोन और कार लोन समेत तमाम लोन सस्ते हो जाएंगे और लोगों को ईएमआई में राहत मिलेगी. बताते चलें कि रिजर्व बैंक ने आखिरी बार जून 2023 में रेपो रेट में बढ़ोतरी करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत कर दिया था.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 0.25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की है. करीब पांच साल बाद यह कटौती की गई है. आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि एमपीसी की बैठक में यह फैसला लिया गया है. रेपो रेट में हुई इस 0.25 प्रतिशत (25 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती से होम लोन और कार लोन समेत तमाम लोन सस्ते हो जाएंगे और लोगों को ईएमआई में राहत मिलेगी.
बताते चलें कि रिजर्व बैंक ने आखिरी बार जून 2023 में रेपो रेट में बढ़ोतरी करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत कर दिया था. जून 2023 के बाद से ही रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ था.
6.25 प्रतिशत हुआ रेपो रेट
जून 2023 के बाद आज पहली बार रेपो रेट में बदलाव किया गया है और अब इसे घटाकर 6.50 प्रतिशत से 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है. 5 फरवरी को शुरू हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग का आज यानी 7 फरवरी को आखिरी दिन था. 3 दिनों तक चली इस अहम मीटिंग में रेपो रेट को घटाने का फैसला किया गया.
मीटिंग खत्म होने के बाद शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया. बताते चलें कि आरबीआई ने आखिरी बार मई 2020 में ब्याज दरों में कटौती की थी. उस समय आरबीआई ने कोविड के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत (40 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती की थी.
1 हफ्ते में दूसरा बड़ा तोहफा
जानकारों की मानें तो देश के लोगों की लोन ईएमआई खासकर होम लोन ईएमआई कम होगी. एक ही हफ्ते में आम लोगों के लिए दूसरा तोहफा होगा. कुछ दिन पहले देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख रुपए की सालाना कमाई को टैक्स से मुक्त कर दिया है. अब देश के होम लोन बायर्स बड़ी राहत देते हुए लोन ईएमआई को कम कर दिया गया है. जानकारों की मानें तो आने वाली बाकी मीटिंग्स में लोन ईएमआई के कम होने का सिलसिला जारी रह सकता है.
काफी समय से चल रही थी डिमांड
लोन ईएमआई कम करने की डिमांड काफी समय से देखने को मिल रही थी. आरबीआई एमपीसी पर काफी दबाव भी देखने को मिल रहा था. एमपीसी के 6 सदस्यों में से एक दो सदस्य पिछली कुछ मीटिंग्स में रेपो दरों में कटौती का समर्थन भी कर रहे थे. लेकिन मैज्योरिटी मेंबर्स रेपो रेट यथावत रखने के पक्ष में वो कर रहे थे. यहां तक कि केंद्र सरकार की ओर से भी लगातार दबाव बनता हुआ दिखाई दे रहा था. आरबीआई गवर्नर के रिटायरमेंट के बाद जब संजय मल्होत्रा ने आरबीआई गवर्नर का पद संभाला तब लगा कि रेपो रेट में कटौती देखने को मिल सकती है.
दो साल से फ्रीज थी दरें
खास बात तो ये है बीते दो साल से ब्याज दरें फ्रीज थी. उनमें कोई बदलाव देखने को नहीं था. फरवरी 2023 में रेपो रेट में 0.25 फीसदी का इजाफा किया गया थ. तब से अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ था. उससे पहले मई 2022 से ब्याज दरों में इजाफा होना शुरू हुआ. तब आरबीआई एमपीसी ने 0.40 फीसदी का इजाफा किया था. जो उसके बाद फरवरी 2023 रेपो दरों में 2.50 फीसदी इजाफा कर 6.50 फीसदी कर दिया. वो समय ऐसा था जब आरबीआई के सामने महंगाई एक बड़ी चिंता का विषय थी. मौजूदा समय में रिटेल महंगाई 5 फीसदी से ऊपर बनी हुई है. जिसके जनवरी में 5 फीसदी से नीचे आने के संकेत मिल रहे हैं.


