नाइजीरिया में घातक हमला, मवेशी तस्करों के खिलाफ भेजी गई सेना पर अंधाधुंध फायरिंग, 10 सैनिक शहीद
Attack in Nigeria: पश्चिमी नाइजीरिया में बुर्किना फासो से लगती सीमा पर मवेशी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भेजी गई सैन्य टुकड़ी पर हथियारबंद हमलावरों ने घात लगाकर हमला कर दिया जिसमें कम से कम 10 जवान मारे गए. नाइजीरिया की सैन्य सरकार ने यह जानकारी दी.

Attack in Nigeria: नाइजीरिया में एक बार फिर खूनी हिंसा देखने को मिली जब पश्चिमी क्षेत्र में बुर्किना फासो की सीमा के पास सैन्य टुकड़ी पर घात लगाकर हमला किया गया. इस हमले में कम से कम 10 सैनिकों की मौत हो गई. ये सैनिक मवेशी तस्करों के खिलाफ अभियान चलाने गए थे, लेकिन पहले से घात लगाए बैठे हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी.
नाइजीरिया की सैन्य सरकार ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि वारदात सोमवार को तकजात गांव में हुई. जवाबी कार्रवाई में सेना ने 15 "आतंकवादियों" को मार गिराया. यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब नाइजीरिया, बुर्किना फासो और माली पहले से ही आतंकवादी संगठनों के उग्रवाद से जूझ रहे हैं.
घातक हमले में 10 सैनिक शहीद
नाइजीरियाई सेना ने बुधवार रात एक बयान जारी कर बताया कि तकजात गांव में मवेशी तस्करों के खिलाफ एक विशेष ऑपरेशन के तहत सैनिकों को तैनात किया गया था. लेकिन जैसे ही सेना ने अपनी कार्रवाई शुरू की, अपराधियों ने अचानक घात लगाकर हमला कर दिया. सेना ने बयान में कहा, "अभियान के दौरान अपराधियों के एक समूह ने सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला कर दिया जिसमें हमारे 10 सैनिक शहीद हो गए."
सेना की जवाबी कार्रवाई में 15 आतंकी ढेर
हमले के बाद नाइजीरियाई सैनिकों ने तुरंत मोर्चा संभाला और मंगलवार को 15 आतंकवादियों को पकड़कर मार गिराया. हालांकि, हमलावरों के एक बड़े समूह के बारे में जानकारी मिली है, जो अब भी फरार हैं. सेना उनका पता लगाने के लिए व्यापक अभियान चला रही है.
आतंकवाद से जूझ रहे हैं नाइजीरिया, बुर्किना फासो और माली
नाइजीरिया के अलावा उसके पड़ोसी देश बुर्किना फासो और माली भी लंबे समय से इस्लामी आतंकवादियों की हिंसा से जूझ रहे हैं. कुछ आतंकवादी संगठन सीधे अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े हुए हैं. तीनों देशों की सरकारों पर सेना का नियंत्रण है और हाल ही में उन्होंने फ्रांस की सेनाओं को अपने देश से बाहर भेज दिया है. अब इन देशों ने एक नए सुरक्षा गठबंधन की घोषणा की है, जिससे आतंकवाद से निपटने में आपसी सहयोग बढ़ेगा.
क्या बढ़ेगी सुरक्षा चुनौतियां?
विशेषज्ञों का मानना है कि नाइजीरिया और उसके पड़ोसी देशों में आतंकवाद की घटनाएं बढ़ सकती हैं, क्योंकि पश्चिमी देशों की सेनाओं की वापसी के बाद जिहादी गुटों का हौसला बुलंद हो सकता है. अब देखने वाली बात यह होगी कि नाइजीरियाई सरकार इस हमले के बाद क्या रणनीति अपनाती है और सुरक्षा हालात को कैसे काबू में रखती है.


