विदेशी दौलत में आई बड़ी गिरावट, दिल्ली से लेकर विदेश तक व्यापक असर
भारत के फॉरेक्स रिजर्व में लगातार 7वें हफ्ते में गिरावट देखने को मिली है. 7 हफ्तों में फॉरेक्स रिजर्व में 34.11 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिल चुकी है. दूसरी ओर रिकॉर्ड हाई से 80.91 अरब डॉलर की गिरावट आ चुकी है.

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में हाल ही में भारी गिरावट देखी गई है, जो 11 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. आंकड़ों के अनुसार, भारत के फॉरेक्स रिजर्व में लगातार सात हफ्तों से गिरावट जारी है, जिससे अब तक 34.11 अरब डॉलर की कमी हो चुकी है. यह गिरावट 704.88 अरब डॉलर के रिकॉर्ड हाई से 80.91 अरब डॉलर कम हो चुकी है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रुपये की कीमत को स्थिर रखने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया जा रहा है, जिसके कारण फॉरेक्स रिजर्व में कमी आई है.
17 जनवरी को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.88 अरब डॉलर घटकर 623.98 अरब डॉलर हो गया, जबकि इससे पहले के सप्ताह में यह 625.87 अरब डॉलर था. सितंबर 2023 के अंत में यह भंडार अपने उच्चतम स्तर पर 704.88 अरब डॉलर था, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था. पिछले कुछ हफ्तों में यह गिरावट रुपये में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने और मूल्यांकन के प्रभाव के कारण आई है.
डॉलर बढ़कर 68.95 अरब डॉलर
भारत के फॉरेक्स रिजर्व में इस गिरावट के बावजूद, गोल्ड रिजर्व में वृद्धि देखने को मिली है। 17 जनवरी तक, गोल्ड रिजर्व का मूल्य 10.63 लाख डॉलर बढ़कर 68.95 अरब डॉलर हो गया. हालांकि, फॉरेन करेंसी असेट्स में 2.88 अरब डॉलर की गिरावट आई और अब यह 533.13 अरब डॉलर हो गया है.
पाकिस्तान के फॉरेक्स रिजर्व में भी गिरावट आई है, जो मुख्यतः कर्ज के भुगतान के कारण हुआ है. 17 जनवरी तक पाकिस्तान का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 16.19 बिलियन डॉलर रह गया, जबकि 10 जनवरी तक यह 16.451 बिलियन डॉलर था. पाकिस्तान के स्टेट बैंक के पास भंडार 276 मिलियन डॉलर घटकर 11.449 बिलियन डॉलर रह गया. हालांकि, पाकिस्तान के कमर्शियल बैंकों में शुद्ध विदेशी भंडार में वृद्धि देखी गई, जो 4.741 बिलियन डॉलर हो गया.
कर्ज भुगतान और वित्तीय असंतुलन
भारत और पाकिस्तान दोनों के फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट की मुख्य वजह कर्ज भुगतान और वित्तीय असंतुलन है. भारत में गिरावट मुख्य रूप से रुपये के समर्थन के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग होने के कारण आई है, जबकि पाकिस्तान में इसका कारण बाहरी कर्ज चुकाने की प्रक्रिया है. आने वाले दिनों में इन देशों के फॉरेक्स रिजर्व में और गिरावट की आशंका जताई जा रही है.