कैसे तैयार होता है बजट, कौन रखता है हर फैसले पर नजर? जानिए सबकुछ
Budget 2025: जब भी बजट का ऐलान होता है, तो सभी के मन में सवाल उठता है आखिर इसे बनाता कौन है? इसकी प्रक्रिया क्या होती है? और इसे तैयार करने में किन लोगों की भूमिका होती है? तो आइए जानते हैं कि बजट कैसे तैयार होता है और क्यों नॉर्थ ब्लॉक इस दौरान किले में तब्दील हो जाता है.

Budget 2025: जब भी केंद्रीय बजट की घोषणा होती है, तो आम जनता के मन में कई सवाल उठते हैं—बजट बनाता कौन है? इसे तैयार करने में किन लोगों की भूमिका होती है? और आखिर यह प्रक्रिया कहां होती है? इन सवालों के जवाब जानना बेहद रोचक है. दरअसल, बजट बनाने की पूरी प्रक्रिया कड़ी गोपनीयता और सुरक्षा के बीच संपन्न होती है, जिसमें वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और विशेषज्ञों की अहम भूमिका होती है. आइए जानते हैं कि बजट निर्माण की यह पूरी प्रक्रिया कैसे होती है और किस तरह नॉर्थ ब्लॉक किले में तब्दील हो जाता है.
कैसे बनता है बजट?
केंद्र सरकार का बजट निर्माण सितंबर से शुरू हो जाता है. आर्थिक मामलों का विभाग सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त निकायों और रक्षाबलों को सर्कुलर जारी करता है, जिसमें उनसे आगामी वित्त वर्ष के लिए अनुमानित खर्च और आवश्यक फंड मांगा जाता है.इसके बाद विभिन्न विभागों के बीच फंड आवंटन पर चर्चा होती है. बजट डिवीजन राजस्व विभाग, उद्योग संघों, वाणिज्य मंडलों, किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों और अर्थशास्त्रियों से परामर्श लेकर बजट प्रावधानों को अंतिम रूप देता है.
बजट की शुरुआत: जारी होता है सर्कुलर
बजट निर्माण की प्रक्रिया सबसे पहले वित्त मंत्रालय के बजट डिवीजन द्वारा शुरू की जाती है. यह विभाग सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, रक्षा बलों और स्वायत्त निकायों को एक सर्कुलर जारी करता है. इस सर्कुलर के माध्यम से सरकार इन सभी विभागों से आगामी वित्तीय वर्ष के लिए उनके संभावित खर्च, खास योजनाओं और जरूरी फंड की जानकारी मांगती है. इसके बाद वित्त मंत्रालय और अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के बीच कई दौर की बैठकें होती हैं, जिनमें खर्चों और फंड के आवंटन पर चर्चा की जाती है.
बजट पूर्व बैठकें: वित्त मंत्री तक पहुंचता है प्रस्ताव
बजट बनाने की प्रक्रिया में विभिन्न उद्योगों, कारोबारी संगठनों और टैक्स एक्सपर्ट्स की राय भी ली जाती है. आर्थिक मामलों और राजस्व विभाग के अधिकारी विभिन्न इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से मिलकर उनकी मांगों और सुझावों को सुनते हैं. टैक्स से जुड़े प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के साथ चर्चा के बाद ही लिया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रहती है ताकि बजट के महत्वपूर्ण बिंदु पहले से लीक न हो सकें.
बजट बनाने में जुटते हैं विशेषज्ञ
बजट निर्माण का पूरा कार्य नॉर्थ ब्लॉक में स्थित वित्त मंत्रालय के मुख्यालय में होता है. बजट के अंतिम सात दिनों में वित्त मंत्रालय के अधिकारी, स्टेनोग्राफर्स, प्रिंटिंग टेक्नीशियन और अन्य विशेषज्ञ बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट जाते हैं. वे अपने परिवारों से भी संपर्क नहीं कर सकते और सुरक्षा कारणों से उनके मोबाइल फोन तक जब्त कर लिए जाते हैं. इस दौरान ये लोग दिन-रात मेहनत कर बजट तैयार करते हैं, ताकि बजट के हर पहलू पर बारीकी से काम किया जा सके.
सुरक्षा इतनी कड़ी कि नॉर्थ ब्लॉक बन जाता है किला!
बजट तैयार करने के दौरान नॉर्थ ब्लॉक की सुरक्षा बहुत ज्यादा कड़ी कर दी जाती है. इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी हर गतिविधि पर नजर रखते हैं और किसी भी सूचना के लीक होने की संभावना को रोकते हैं. संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक विशेष टीम इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करती है. स्टेनोग्राफर्स पर विशेष नजर रखी जाती है, क्योंकि वे बजट दस्तावेजों को टाइप और प्रिंट करने का काम करते हैं.इस कड़ी सुरक्षा और गहन गोपनीयता के बाद ही देश का बजट बनकर तैयार होता है और संसद में पेश किया जाता है.
देश का भविष्य तय करता है बजट
बजट केवल आर्थिक संख्याओं और नीतियों का लेखा-जोखा नहीं होता, बल्कि यह देश के विकास की दिशा को तय करता है. इसके पीछे सैकड़ों लोगों की मेहनत और महीनों की तैयारी होती है. आम लोगों को इसकी बारीकियों के बारे में कम ही जानकारी होती है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि बजट बनाने की प्रक्रिया कितनी गोपनीय और सुरक्षा-प्रबंधों से भरी होती है. जब बजट संसद में पेश होता है, तो यह सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था का भविष्य तय करने वाला खाका होता है.


