धीरूभाई अंबानी ने मुकेश और अनिल के लिए छोड़ी कितनी दौलत? जानें रिलायंस साम्राज्य के बंटवारे की पूरी कहानी
धीरूभाई अंबानी ने अपनी कड़ी मेहनत और दूरदृष्टि से भारतीय व्यापार जगत में एक नया मुकाम हासिल किया. उनके निधन के बाद, रिलायंस साम्राज्य का बंटवारा उनके बेटों मुकेश और अनिल अंबानी के बीच हुआ. आइए जानते हैं कि उन्होंने मुकेश और अनिल अंबानी के लिए कितनी दौलत छोड़ी थी.

Reliance Industries: रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी का जीवन संघर्ष और सफलता की कहानी है. 28 दिसंबर को धीरूभाई अंबानी की जयंती होती है, जो भारतीय व्यापार जगत के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित चेहरों में से एक थे. गुजरात के एक छोटे से गांव से निकलकर, उन्होंने मुंबई में Reliance की नींव रखी और इसे दुनिया के सबसे बड़े कॉर्पोरेशनों में से एक बना दिया. लेकिन क्या आपको पता है कि उनके निधन के बाद उनका साम्राज्य कैसे बंटा? आइए, जानते हैं उनके जीवन और उनके साम्राज्य के बंटवारे की पूरी कहानी.
धीरूभाई अंबानी की मृत्यु 2002 में हुई, और उनके जाने के बाद उनका साम्राज्य बिना किसी स्पष्ट वसीयत के बंट गया. यह बंटवारा 2005 में उनके बेटों मुकेश और अनिल अंबानी के बीच हुआ, और इसे उनके परिवार की माताजी, कोकिलाबेन अंबानी ने सुलझाया. आइए, अब विस्तार से जानते हैं कि धीरूभाई ने अपनी विरासत के रूप में मुकेश और अनिल को कितनी संपत्ति छोड़ी.
धीरूभाई अंबानी की जीवन यात्रा
धीरूभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर 1932 को गुजरात के एक छोटे से गांव चोरवाड़ में हुआ था. एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले धीरूभाई ने अपनी पढ़ाई 10वीं तक ही की, क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. बाद में उन्होंने यमन में पेट्रोल पंप पर काम किया और फिर 1958 में भारत लौटकर अपना व्यापार शुरू किया. शुरुआत में उन्होंने कपड़े के व्यापार से शुरुआत की और फिर धीरे-धीरे पेट्रोकेमिकल्स, रिफाइनिंग, टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों में विस्तार किया.
धीरूभाई की संपत्ति और उनकी विरासत
2002 में धीरूभाई अंबानी के निधन के समय, Reliance इंडस्ट्रीज की कीमत करीब 60,000 करोड़ रुपये थी, जो उस समय एक विशाल राशि मानी जाती थी. उनकी मृत्यु के बाद, उनके दोनों बेटों मुकेश और अनिल अंबानी के बीच Reliance का साम्राज्य बंट गया. हालांकि धीरूभाई ने कोई लिखित वसीयत नहीं छोड़ी थी, लेकिन उनकी विशाल संपत्ति और साम्राज्य का बंटवारा उनकी पत्नी कोकिलाबेन अंबानी की मध्यस्थता से हुआ.
मुकेश और अनिल अंबानी के बीच बंटवारा
मुकेश अंबानी को Reliance Industries Limited (RIL) का नियंत्रण सौंपा गया, जिसमें पेट्रोलियम, गैस, पेट्रोकेमिकल्स और बाद में टेलीकॉम जैसे महत्वपूर्ण कारोबार शामिल थे. वहीं, अनिल अंबानी को रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस पावर और अन्य कारोबार मिले. इस बंटवारे के बाद मुकेश अंबानी ने रिलायंस को और भी बड़े स्तर पर विस्तार किया और आज वह दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं, जिनकी संपत्ति लगभग 9,790 करोड़ अमेरिकी डॉलर है. वहीं अनिल अंबानी की वित्तीय यात्रा में उतार-चढ़ाव आए हैं.
धीरूभाई अंबानी का प्रभाव और प्रेरणा
धीरूभाई अंबानी का जीवन एक प्रेरणा है. उन्होंने भारतीय पूंजी बाजार को नया रूप दिया और भारतीय मध्यवर्ग को शेयर बाजार में निवेश करने के लिए प्रेरित किया. रिलायंस को 1977 में बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध करने के साथ ही वे भारतीय व्यापार जगत के अग्रणी बने. उनका विश्वास था कि एक मजबूत दृष्टिकोण और कठिन परिश्रम से कोई भी व्यक्ति अपनी परिस्थितियों को बदल सकता है. आज भी उनका जीवन और उनके संघर्ष भारतीय उद्यमिता के प्रतीक के रूप में जीवित हैं.
धीरूभाई अंबानी का वैश्विक प्रभाव
धीरूभाई अंबानी 2002 में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे. उनके निधन के समय, उनकी व्यक्तिगत संपत्ति लगभग 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जो आज के हिसाब से लगभग 24,000 करोड़ रुपये के बराबर है. उनकी विरासत सिर्फ उनकी संपत्ति में ही नहीं, बल्कि उनके द्वारा स्थापित किए गए व्यापार साम्राज्य में भी बसी है. रिलायंस इंडस्ट्रीज आज 17.5 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्य की है, जो इसे भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी बनाता है.


