Budget 2025: मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में मोदी सरकार, बजट में टैक्स स्लैब पर ऐलान संभव
India Budget 2025: इस बजट में व्यक्तिगत आयकर संरचनाओं में बदलाव, अधिकतम छूट सीमा में बढ़ोतरी के साथ-साथ टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी. इस बजट से मध्यम वर्ग, उद्योगजगत और निवेशकों को कई बड़ी उम्मीदें हैं. आर्थिक विकास की गति धीमी पड़ने और खपत में गिरावट के बीच इस बजट में पर्सनल इनकम टैक्स स्ट्रक्चर और छूट की सीमा में बदलाव किए जा सकते हैं. स्मॉलकेस मैनेजर्स का मानना है कि सरकार इस बार टैक्स रिफॉर्म्स और इंसेंटिव के जरिए डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाने पर फोकस करेगी.
टैक्स स्लैब में बदलाव की संभावना
आपको बता दें कि स्मॉलकेस मैनेजर्स द्वारा जारी बजट 2025-26 सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार के बजट में पर्सनल इनकम टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव हो सकते हैं. इसके साथ ही छूट की सीमा में बढ़ोतरी की संभावना है. इन बदलावों से लोगों की डिस्पोजेबल इनकम में वृद्धि होगी और खपत को बढ़ावा मिलेगा. इससे देश की आर्थिक प्रगति को भी रफ्तार मिलेगी.
सब्सिडी में कटौती और बुनियादी ढांचे पर फोकस
वहीं सर्वे के अनुसार, सरकार इस बजट में राजनीतिक रूप से प्रेरित सब्सिडी में कटौती कर सकती है. इसके बजाय पूंजीगत व्यय के जरिए बुनियादी ढांचे और दीर्घकालिक विकास पर ध्यान दिया जाएगा. डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को विशेष रूप से बढ़ावा मिल सकता है. इसके अलावा, रिन्यूएबल एनर्जी, हेल्थ, एजुकेशन, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल एसेट्स पर भी फोकस रहेगा.
भारत की आर्थिक प्रगति का खाका तैयार करेगा बजट
बताते चले कि स्मॉलकेस के सीईओ वसंत कामथ ने कहा, ''केंद्रीय बजट आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक प्रगति को दिशा देता है. हमारा सर्वे स्टेकहोल्डर्स की उम्मीदों को दर्शाता है, जो स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने वाले सुधारों पर जोर देता है.''
ई-कॉमर्स और ग्रीन एनर्जी को मिलेगा प्रोत्साहन
इसके अलावा आपको बता दें कि स्मॉलकेस मैनेजर्स का मानना है कि बजट में ई-कॉमर्स, एयरोस्पेस, रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा, सेमीकंडक्टर और बिजली क्षेत्र में निवेश को भी प्राथमिकता मिल सकती है.


