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कोरोना बढ़ने से शेयर मार्केट हुआ कमजोर, निवेशक हो रहे चिंतित

मंगलवार को शेयर मार्केट में गिरावट का दौर जारी रहा, सेंसेक्स 200 से अधिक अंक लुढ़का. देश में कोरोना के बढ़ते मामले और धीमी GDP ग्रोथ की चिंताएं बाजार पर भारी पड़ रही हैं. निवेशक आर्थिक अनिश्चितता को लेकर सतर्क हैं, जिससे दबाव बना हुआ है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

मंगलवार को शेयर बाजार की शुरुआत के साथ ही उस पर लाल रंग का साया छा गया. बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी, दोनों इंडेक्स ने गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की. बाजार खुलते ही 15 मिनट के भीतर सेंसेक्स में 300 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखी गई. यह गिरावट ऐसे वक्त में आई है जब देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और GDP ग्रोथ पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 81,492.50 अंकों पर खुला, लेकिन कुछ ही देर में यह 80,948.20 अंक तक लुढ़क गया. इसी तरह एनएसई निफ्टी 50 ने 24,786.30 अंकों पर शुरुआत की लेकिन 24,601.30 अंक के निचले स्तर को छू लिया. सोमवार को बाजार भले ही कमजोरी के साथ बंद हुआ था लेकिन दिनभर रिकवरी का रुख बना रहा था. मंगलवार को माहौल पूरी तरह निगेटिव दिखाई दिया.

किन शेयरों में रही गिरावट?

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से अडानी पोर्ट्स, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई. हालांकि कुछ शेयरों जैसे इटर्नल (जोमैटो), टाटा स्टील और महिंद्रा एंड महिंद्रा में हल्की बढ़त भी दर्ज की गई.

विदेशी निवेशकों का रुख और एशियाई बाजारों का असर

सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार से कुल 2,589.47 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की. वहीं एशियाई बाजारों की बात करें तो दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225, शंघाई एसएसई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स फायदे में रहे. लेकिन घरेलू गिरावट पर इनका खास असर नहीं पड़ा.

क्या कोरोना है गिरावट की वजह?

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि शेयर बाजार में गिरावट की एक प्रमुख वजह देश में दोबारा बढ़ते कोरोना के मामले हैं. वर्तमान में देश में एक्टिव केस 4,026 तक पहुंच चुके हैं और बीते 24 घंटे में 10 मौतें दर्ज हुई हैं. सबसे ज्यादा केस केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और कर्नाटक में हैं. बाजार को डर है कि यदि हालात बिगड़े तो आर्थिक गतिविधियों पर ब्रेक लग सकता है.

GDP ग्रोथ ने भी गिराया सेंटीमेंट

सरकार द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5% रही, जो पिछले 4 वर्षों का सबसे निचला स्तर है. हालांकि जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी 7.4% रही, जिससे थोड़ी राहत जरूर मिली. दूसरी ओर, जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने अनुमान जताया है कि 2025-26 में भारत की ग्रोथ घटकर 6.2% रह जाएगी. इसके पीछे जीएसटी कलेक्शन और ऑटोमोबाइल बिक्री की धीमी गति को जिम्मेदार बताया जा रहा है.

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03 June 2025, 10:58 AM IST

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