Year Ender 2025: देश में इस साल 44,000 नए स्टार्टअप्स, 48% में महिलाएं डायरेक्टर या पार्टनर के रूप में
स्टार्टअप्स आज सिर्फ़ आर्थिक तरक्की की चमकदार कहानी नहीं लिख रहे, बल्कि लाखों लोगों के सपनों को रोज़गार का पंख दे रहे हैं. इन नवाचारी पहलों ने अब तक 21 लाख से ज्यादा सीधी नौकरियां पैदा की हैं. यानी करोड़ों परिवारों को नई उम्मीद और स्थिरता दी है. ये नंबर सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि असल जिंदगियों की बदलती तस्वीर हैं.

नई दिल्ली: देश के युवा अब सिर्फ नौकरी तलाशने तक सीमित नहीं रहे हैं, बल्कि रोजगार देने वालों की कतार में भी मजबूती से खड़े हो चुके हैं. इसकी सबसे बड़ी मिसाल है भारत का तेजी से बढ़ता स्टार्टअप इकोसिस्टम, जिसने साल 2025 में एक नया इतिहास रच दिया है.
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा साझा किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, साल 2025 में देश में 44,000 से अधिक नए स्टार्टअप्स को सरकारी मान्यता मिली है. यह ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल की शुरुआत के बाद किसी एक साल में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इसके साथ ही भारत में सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की कुल संख्या 2 लाख के पार पहुंच गई है.
2025 में स्टार्टअप इंडिया को मिली ऐतिहासिक मजबूती
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी साझा की कि साल 2025 भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है. महज एक साल में 44,000 से ज्यादा स्टार्टअप्स को मान्यता मिलना इस बात का संकेत है कि देश में उद्यमिता का माहौल लगातार मजबूत हो रहा है और युवा नवाचार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या
‘स्टार्टअप इंडिया’ इनिशिएटिव के तहत अब तक कुल 2 लाख से ज्यादा स्टार्टअप्स को सरकार की मान्यता मिल चुकी है. यह आंकड़ा न सिर्फ भारत की आर्थिक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि स्टार्टअप्स अब देश की ग्रोथ स्टोरी का अहम स्तंभ बन चुके हैं.
स्टार्टअप्स में महिला नेतृत्वों की संख्या
इस सफलता को और भी खास बनाता है महिला नेतृत्व की बढ़ती भागीदारी. पीयूष गोयल के अनुसार, साल 2025 में शुरू हुए नए स्टार्टअप्स में से करीब 48 प्रतिशत में कम से कम एक महिला डायरेक्टर या पार्टनर शामिल हैं. यह आंकड़ा भारतीय उद्यमशीलता में महिलाओं की मजबूत होती भूमिका और उनके बढ़ते योगदान को साफ तौर पर दर्शाता है.
भारतीय उद्यमिता में नारी शक्ति का बढ़ता असर
लगभग आधे स्टार्टअप्स में महिलाओं की मौजूदगी यह संकेत देती है कि भारत में एंटरप्रेन्योरशिप अब ज्यादा समावेशी हो रही है. महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स न सिर्फ नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं.


