जंग छिड़े या हो ट्रेड वॉर, ग्लोबल क्राइसिस में इंडिया रहेगा ऑन टॉप!
Indian GDP: जेपी मॉर्गन की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ग्लोबल अस्थिरता के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ेगी. अमेरिका-चीन जैसे बड़े देशों के बीच व्यापार युद्ध के हालात बन सकते हैं, लेकिन इस माहौल में भारत एक सुरक्षित निवेश गंतव्य बनकर उभरेगा.

Indian GDP: जैसे-जैसे अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव फिर से तेज़ हो रहा है, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. लेकिन इस अस्थिरता के बीच भारत एक नई उम्मीद बनकर उभर रहा है. वित्तीय सेवा कंपनी जेपी मॉर्गन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि चाहे दुनिया में ट्रेड वॉर हो या जियोपॉलिटिकल तनाव, भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा.
जेपी मॉर्गन ने भारत को 'सेफ हेवन' यानी वैश्विक संकटों में एक सुरक्षित निवेश गंतव्य बताया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आने वाले वर्षों में भारत न केवल स्थिर बना रहेगा, बल्कि एक आर्थिक इंजन की भूमिका में वैश्विक मंच पर उभरेगा.
ट्रेड वॉर में भी भारत की ग्रोथ रहेगी सबसे तेज
जेपी मॉर्गन का कहना है कि जिन देशों को वह अपने कवरेज में रखता है, उनमें भारत की GDP ग्रोथ सबसे तेज रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट में भारत की इकोनॉमी को लेकर बेहद सकारात्मक रुख जताया गया है. कंपनी ने उभरते बाजारों की इक्विटी रेटिंग को न्यूटरल से बढ़ाकर ओवरवेट कर दिया है. इसका सीधा मतलब है कि भारत जैसे उभरते देशों में विकास की जबरदस्त संभावना देखी जा रही है.
टैरिफ वॉर में भारत बन सकता है निवेशकों की पहली पसंद
जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि दुनिया में ट्रेड वॉर का दूसरा चरण शुरू हो सकता है, जिसमें प्रमुख देश एक-दूसरे के उत्पादों पर भारी-भरकम आयात शुल्क थोप सकते हैं. उदाहरण के तौर पर चीन और अमेरिका के बीच हालिया टैरिफ वॉर में शुल्क 245% तक बढ़ा दिए गए थे.
ऐसे हालात में वैश्विक निवेशक अस्थिर बाजारों से दूरी बनाकर सुरक्षित और स्थिर अर्थव्यवस्थाओं की तलाश करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की मजबूत फंडामेंटल्स और स्थिर आर्थिक नीतियां उसे एक आदर्श निवेश स्थल बनाती हैं.
भारत की अर्थव्यवस्था दिखा रही है मजबूती के संकेत
जेपी मॉर्गन ने भारत के आर्थिक चक्र को लेकर भी सकारात्मक बातें कही हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की इकोनॉमी अब एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में अग्रसर है. इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण गिनाए गए हैं –
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ब्याज दरों में कटौती: इससे कर्ज सस्ता हुआ है, जिससे कंपनियों और आम लोगों के लिए निवेश करना आसान हुआ है.
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ग्रामीण मांग में वृद्धि: भारत की बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. वहां मांग का बढ़ना एक बड़े आर्थिक विस्तार का संकेत माना जा रहा है.
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टैक्स में राहत: सरकार द्वारा टैक्स दरें कम करने से कंपनियों और उपभोक्ताओं के पास अधिक खर्च योग्य धन बचता है, जिससे बाजार में गतिविधियां बढ़ती हैं.
भारत बनेगा वैश्विक आर्थिक स्थिरता का केंद्र
जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में भारत की भूमिका सिर्फ एक विकासशील देश की नहीं रहेगी, बल्कि वह दुनिया के लिए इकोनॉमिक स्टेबिलिटी एंकर बन सकता है. वैश्विक निवेशक भारत को लंबी अवधि के लिए भरोसेमंद बाजार के रूप में देख सकते हैं.
जब अमेरिका और चीन जैसे देश आपसी व्यापार युद्धों में उलझे होंगे, भारत एक मजबूत, स्थिर और आकर्षक अर्थव्यवस्था बनकर सामने आएगा.