3 दिनों में हिमालय की 5 चोटियों पर चढ़ाई... CISF की पहली महिला अफसर गीता सामोता ने रचा इतिहास
गीता सामोता ने अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की और भारत का नाम रोशन किया. उनके पर्वतारोहण की यात्रा ने न केवल महिलाओं के लिए प्रेरणा दी, बल्कि उन्होंने सात महाद्वीपों की ऊंची चोटियों पर भी विजय प्राप्त की.

गीता सामोता ने अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से ना केवल पर्वतारोहण की दुनिया में इतिहास रचा है, बल्कि महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बनीं हैं. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की उप-निरीक्षक गीता ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करके साबित कर दिया कि महिला सशक्तिकरण केवल शब्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि ये कठिन प्रयास और समर्पण से संभव है. उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने में सफलता पाई और भारत का नाम रोशन किया.
गीता सामोता की यात्रा सिर्फ शारीरिक संघर्ष नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता और समर्पण का भी प्रतीक है. उनका जीवन हम सभी को ये सिखाता है कि अगर दृढ़ नायक की तरह संकल्प किया जाए तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है.
गीता सामोता की शुरुआत
गीता का जन्म राजस्थान के सीकर जिले के चक गांव में हुआ था, जहां वो 4 बहनों में से एक थीं. उनका पालन-पोषण साधारण पारिवारिक माहौल में हुआ, लेकिन गीता ने हमेशा अपने अंदर छिपे खेल की भावना को पहचाना. वो कॉलेज में एक होनहार हॉकी खिलाड़ी थी, लेकिन एक चोट ने उनके खेल जीवन को रोक दिया. ये चोट गीता को एक नई दिशा की ओर ले गई और उसने 2011 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) जॉइन किया. यहां से उनका पर्वतारोहण का सफर शुरू हुआ.
पर्वतारोहण में कदम रखना
CISF में जॉइन करने के बाद, गीता ने पर्वतारोहण को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया. 2015 में, उन्हें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के प्रशिक्षण संस्थान में छह सप्ताह का पर्वतारोहण कोर्स करने का मौका मिला. वो इस कोर्स में अपने बैच की एकमात्र महिला थीं. उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उन्हें पर्वतारोहण कोर्स करने का अवसर दिलाया और 2017 में वो CISF की पहली महिला बन गई जिन्होंने इस कोर्स को पूरा किया.
माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई
गीता का सबसे बड़ा अभियान माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई था. 19 मई 2025 को उन्होंने 8,849 मीटर (29,032 फीट) की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को सफलतापूर्वक फतह किया. ये उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि थी, जिसने उन्हें न केवल भारतीय पर्वतारोहण की दुनिया में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई. गीता कहती हैं कि पहाड़ एक महान समतलीकरण हैं, ये भेदभाव नहीं करता है. केवल कुछ ही लोग जिनके पास वो एक्स-फैक्टर है, वे उन शक्तिशाली ऊंचाइयों को जीत सकते हैं.
सात महाद्वीपों की चोटियों पर विजय
गीता ने 2021 और 2022 के बीच सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह किया. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में माउंट कोसियसज़को (2,228 मीटर), रूस में माउंट एल्ब्रस (5,642 मीटर), तंजानिया में माउंट किलिमंजारो (5,895 मीटर), और अर्जेंटीना में माउंट एकॉनकागुआ (6,961 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की. इन चोटियों पर चढ़ाई कर गीता ने एक नई मिसाल कायम की. उन्होंने केवल छह महीने और 27 दिनों में ये उपलब्धि हासिल की, जिससे वह सबसे तेज भारतीय महिला पर्वतारोही बन गईं.
पुरस्कार और सम्मान
गीता की असाधारण पर्वतारोहण यात्रा के कारण उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें दिल्ली महिला आयोग द्वारा 2023 में दिए गए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा सपनों को पंख देने का पुरस्कार 2023 शामिल हैं. उनके द्वारा किए गए प्रयासों को CISF द्वारा भी पूरी तरह से समर्थन प्राप्त है. उनके सफल अभियान, जैसे कि ABVIMAS में शीतकालीन अनुकूलन प्रशिक्षण और माउंट एवरेस्ट अभियान, CISF के सहयोग से संभव हो पाए हैं.


