क्या मार्च 2026 से बंद हो जाएंगे ₹500 के नोट? PIB ने बताया सच
सोशल मीडिया पर वायरल एक खबर में दावा किया गया है कि मार्च 2026 से ₹500 के नोट चलन से बाहर हो जाएंगे. इस पर सरकार की प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने फैक्ट चेक कर स्पष्ट किया है कि यह दावा पूरी तरह फर्जी है और ऐसे कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं.

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक भ्रामक दावा वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 500 रुपये के नोटों को मार्च 2026 से चलन से बाहर करने का निर्णय लिया है. इस मैसेज में यह भी बताया जा रहा है कि बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे 30 सितंबर 2025 तक अपने एटीएम से 500 के नोट निकालना बंद कर दें, और मार्च 2026 तक 90% एटीएम से यह नोट पूरी तरह हटा दिए जाएंगे.
हालांकि, PIB (Press Information Bureau) की फैक्ट चेक यूनिट ने इस वायरल खबर को पूरी तरह फर्जी और भ्रामक बताया है. PIB ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर स्पष्ट किया कि RBI की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. 500 रुपये के नोट न तो बंद किए जा रहे हैं और न ही इन पर कोई पाबंदी लगाई गई है.
क्या है वायरल मैसेज में दावा?
वायरल हो रहे मैसेज में लिखा गया है: “RBI ने सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे 30 सितंबर 2025 तक अपने एटीएम से ₹500 के नोट निकालना बंद कर दें. 31 मार्च 2026 तक देश के 90% एटीएम से ये नोट पूरी तरह हटा लिए जाएंगे. इसके बाद केवल ₹100 और ₹200 के नोट उपलब्ध रहेंगे. इसलिए अभी से ₹500 के नोट खर्च करना शुरू कर दें.” इस तरह के संदेश व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर तेजी से फैल रहे हैं, जिससे आम लोगों में भ्रम और चिंता फैल रही है.
PIB फैक्ट चेक की सफाई
PIB ने अपने पोस्ट में लिखा: “500 रुपये के नोटों को एटीएम से हटाने को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहा दावा फर्जी है. RBI ने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है. 500 रुपये के नोट अब भी वैध और कानूनी मुद्रा हैं.”
क्या करें अगर ऐसा मैसेज मिले?
PIB फैक्ट चेक यूनिट ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी वायरल जानकारी पर आंख बंद करके भरोसा न करें, खासकर जब वह किसी वित्तीय या सरकारी नीति से जुड़ी हो. किसी भी संदिग्ध मैसेज की सच्चाई जानने के लिए:
- सरकारी वेबसाइट या आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से जानकारी की पुष्टि करें.
- PIB Fact Check को संदिग्ध मैसेज forward करें ताकि वे उसका सत्यापन कर सकें.
- झूठी और भ्रामक जानकारी को साझा करने से बचें, क्योंकि इससे अफवाहें फैलती हैं और आम जनता में अनावश्यक डर पैदा होता है.


