पहले कपड़े उतरवाए फिर सीने पर चढ़ कर कूदे...बिहार में दरिंदगी की सारी हदे पार
बिहार के नवादा ज़िले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। वहाँ एक स्ट्रीट वेंडर पर हुई बर्बरता ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है।

नई दिल्ली: बिहार के नवादा जिले से सामने आई एक दिल दहला देने वाली घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. यहां एक फेरीवाले के साथ जिस तरह की बर्बरता की गई, उसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. भीड़ की बेरहमी इतनी खौफनाक थी कि पीड़ित जान की भीख मांगता रहा, लेकिन किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की. आखिरकार गंभीर चोटों से जूझते हुए फेरीवाले ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.
क्या है पूरा मामला
यह घटना नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र की है. 5 दिसंबर 2025 को कपड़े की फेरी लगाकर लौट रहे मोहम्मद अतहर हुसैन (40) को भट्टा गांव के पास 5-7 युवकों ने रोक लिया. प्रत्यक्षदर्शियों और मृतक के बयान के अनुसार, आरोपी नशे की हालत में थे. पहले उन्होंने अतहर से नाम पूछा, फिर अचानक उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. देखते ही देखते हिंसा इस कदर बढ़ गई कि अतहर गंभीर रूप से घायल हो गए.
क्रूरता की सारी हदें पार
अतहर ने मौत से पहले जो बयान दिया, वह किसी को भी सिहरने पर मजबूर कर देता है. उन्होंने बताया कि हमलावरों ने उनके कलेजे पर चढ़कर कूदने, लोहे की रॉड से पैरों पर वार करने और कपड़े उतरवाने जैसी हैवानियत की. इस दौरान उनका एक पैर टूट गया. यहीं नहीं रुके हमलावर, परिजनों का आरोप है कि आरोपियों ने उनके शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर गर्म लोहे की रॉड से कई जगह दागा, उंगलियां और हाथ तक तोड़ दिए.
धीरे-धीरे हमलावरों की संख्या बढ़ती गई और करीब 15 से 20 लोग इस हिंसा में शामिल हो गए. घंटों तक अतहर सड़क किनारे तड़पते रहे, लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया.
अस्पताल में तोड़ा दम
काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची और गंभीर हालत में अतहर को नवादा अस्पताल ले जाया गया. हालत नाजुक होने के कारण उन्हें बिहार शरीफ सदर अस्पताल रेफर किया गया, जहां शुक्रवार देर रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
20 साल से करता था फेरी का काम
मृतक अतहर नालंदा जिले के लेहरी थाना क्षेत्र के गगनडीह मोहल्ले के रहने वाले थे. वे पिछले करीब 20 वर्षों से नवादा और आसपास के इलाकों में फेरी लगाकर कपड़े बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे. परिवार को क्या पता था कि रोजमर्रा की यह फेरी उनकी जिंदगी की आखिरी यात्रा बन जाएगी.
इस जघन्य घटना के बाद परिजनों में गुस्सा और गम दोनों हैं. उन्होंने दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की है. यह घटना एक बार फिर बिहार में मॉब लिंचिंग और भीड़ की हिंसा पर सवाल खड़े करती है. अब सबकी नजरें पुलिस और प्रशासन पर हैं कि क्या इस अमानवीय अपराध के दोषियों को जल्द सजा मिल पाएगी या नहीं.


