Karnataka Crime News: ना डंडा चला, ना धमकी दी, बीयर पार्टी में आरोपी ने खुद कबूल किया जुर्म
पुलिस को कई बार ऐसे अनोखे तरीके अपनाने पड़ते हैं जो सुनने में हर किसी को चौंका देते हैं. ऐसा ही एक दिलचस्प मामला बेंगलुरु में सामने आया है. जहां पुलिस ने एक जटिल केस को सुलझाने के लिए कमाल का दांव खेला. विश्वास करना मुश्किल है, लेकिन पुलिस को इस रहस्य को खोलने के लिए एक बीयर पार्टी करना पड़ा था.

Karnataka Crime News: जनवरी 1996 में जब बेंगलुरु धीरे-धीरे भारत की IT राजधानी बनने की दिशा में आगे बढ रहा था तब एक ब्रिटिश नागरिक की रहस्यमय हत्या ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया. चंद्र लेआउट इलाके में एक विदेशी युवक का शव मिलने के बाद जांच शुरू हुई, लेकिन यह सिर्फ एक हत्या का मामला नहीं था. पुलिस को तहकीकात के दौरान एक ऐसा चौंकाने वाला सच मिला. जिसे सामने लाने के लिए उन्होंने असामान्य तरीका अपनाया एक बीयर पार्टी. इस सनसनीखेज मामले की पड़ताल में पुलिस को न केवल हत्याकांड का सुराग मिला, बल्कि एक विदेशी महिला से रेप करने वाले आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया. यह मामला आज भी याद किया जाता है, खासकर जांच अधिकारी द्वारा अपनाई गई अनूठी रणनीति के कारण.
क्या है पूरा मामला?
बेंगलुरु के चंद्र लेआउट में जब एक अज्ञात विदेशी नागरिक का शव मिला, तो पुलिस को उसकी जेब से एमजी रोड की एक कपड़े की दुकान का बिल मिला. दुकान से पता चला कि मृतक का नाम जेम्स विलियम स्टुअर्ट है, जो कोटनपेट के सुधा लॉज में रुका हुआ था.
जब पुलिस लॉज पहुंची गेट नाक किया तो दरवाजा एक 27 वर्षीय विदेशी महिला ने खोला जो रो रही थी. उसने बताया कि वह स्टुअर्ट के साथ भारत घूमने आई थी और उनके ताजमहल, हम्पी, बेलूर, और हालेबीडु के बाद की यात्रा के दौरान एक भयावह हादसा हुआ. महिला ने खुलासा किया कि एक ऑटो चालक ने उसके साथ रेप किया है.
सुनसान इलाके में रेप
महिला के अनुसार, 4 जनवरी 1996 की रात स्टुअर्ट को पेट दर्द हुआ और वह लॉज लौट गया. महिला रास्ता भटक गई और एक ऑटो रिक्शा लिया. थकान के चलते वह ऑटो में ही सो गई, जिसका फायदा उठाते हुए चालक उसे आरआर नगर की तरफ ले गया और सुनसान इलाके में बलात्कार किया. महिला ने खुद को बचाने के लिए पेन नाइफ से आरोपी को घायल किया लेकिन वह भाग निकला.
पुलिस जांच
घायल महिला को एक ट्रक ड्राइवर ने चामराजपेट पुलिस स्टेशन पहुंचाया, लेकिन वहां मौजूद कांस्टेबल उसे ठीक से समझ नहीं सके और वापस लॉज भेज दिया. तब DCP प्रवीण सूद ने केस की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर बी बी अशोक कुमार को सौंपी. उन्होंने महिला को अपने घर पर सुरक्षित माहौल दिया, जिससे वह पूरे घटनाक्रम को खुलकर बता सकी.
आरोपी तक कैसे पहुंची पुलिस?
महिला के बताए अनुसार आरोपी को चोटें आई थीं, जिससे अंदाजा लगाया गया कि वह इलाज के लिए अस्पताल गया होगा. पुलिस ने शहर के सभी अस्पतालों में जांच शुरू की. एक नर्स ने बताया कि उसने एक घायल व्यक्ति कदीरेश का इलाज किया था. राजाजीनगर आरटीओ से उसकी फोटो और पता निकालकर पुलिस ने कदीरेश को गिरफ्तार किया.
गिरफ्तारी के बाद कदीरेश कुछ नहीं बोला. तब इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने एक अनोखी रणनीति अपनाई उन्होंने आरोपी को बीयर पार्टी में शामिल किया, जहां बीयर में ब्रांडी मिलाकर उसे नशे में लाया गया. इस सहज माहौल में कदीरेश ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
उम्रकैद की सजा और फिल्म में बदला मामला
मामला बाद में CID को सौंपा गया और 1998 में अदालत ने कदीरेश को उम्रकैद की सजा सुनाई. इस घटना से प्रेरित होकर साल 2002 में 'Police Officers' नामक फिल्म भी बनाई गई थी, जिसमें इस केस की जांच प्रक्रिया को दिखाया गया.


