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पाकिस्तान के पालतू से लेकर खालिस्तानी गैंगस्टर तक... क्राइम सिंडिकेट के खतरनाक चेहरे

पंजाब और हरियाणा से शुरू हुआ लॉरेंस बिश्नोई का अपराध साम्राज्य आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल चुका है. यह गैंग मुख्य रूप से एक्सटॉर्शन, हत्या, ड्रग तस्करी और सुपारी किलिंग जैसी वारदातों के लिए कुख्यात है. भले ही लॉरेंस बिश्नोई जेल में बंद है, लेकिन उसका नेटवर्क लगातार सक्रिय रहता है.

Anuj Kumar
Edited By: Anuj Kumar

नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा से शुरू हुआ लॉरेंस बिश्नोई का अपराध साम्राज्य आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल चुका है. यह गैंग मुख्य रूप से एक्सटॉर्शन, हत्या, ड्रग तस्करी और सुपारी किलिंग जैसी वारदातों के लिए कुख्यात है. भले ही लॉरेंस बिश्नोई जेल में बंद है, लेकिन उसका नेटवर्क लगातार सक्रिय रहता है. सिद्धू मूसेवाला की हत्या और अभिनेता सलमान खान के घर पर हमले जैसी बड़ी घटनाओं ने इस गैंग को देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सुर्खियों में पहुंचा दिया. आज इस गैंग की पहुंच पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, कनाडा और अमेरिका तक फैली हुई है. हालांकि, हाल के वर्षों में गैंग के अंदर हुए झगड़ों और अलगाव ने इसके नेटवर्क को कमजोर किया है. पुलिस और NIA की टीम लगातार उसके सदस्यों पर नजर बनाए हुए हैं.

लॉरेंस बिश्नोई

लॉरेंस का जन्म 12 फरवरी 1990 को हुआ. उसका असली नाम बालकरन बराड़ उर्फ बल्लू है. उसके पिता पंजाब पुलिस में सिपाही थे. लॉरेंस की तरह ही कुख्यात गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के पिता भी पुलिस में ही कार्यरत थे. वर्तमान में लॉरेंस गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. जेल में रहते हुए भी उसका नाम कई मामलों में सामने आया है, जिनमें बाबा सिद्दीकी हत्याकांड भी शामिल है.

पढ़ाई के दौरान ही उसका आपराधिक सफर शुरू हुआ. 2007 में वह लॉ की पढ़ाई के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी गया. 2008 के छात्र चुनावों में अपने दोस्त रॉबिन की मदद करने के लिए उसने विपक्षी उम्मीदवार पर गोली चला दी. यह उसका पहला बड़ा अपराध था, जिसको लेकर उस पर धारा 307 के तहत मामला दर्ज हुआ. जेल में रहते हुए उसका नाम 'लॉरेंस' एक ब्रिटिश अधिकारी से प्रेरित होकर पड़ा. धीरे-धीरे उसने छोटा-मोटा अपराध छोड़कर एक संगठित गैंग तैयार किया.

अनमोल बिश्नोई 

अनमोल, लॉरेंस का छोटा भाई है और लंबे समय से गैंग का संचालन कर रहा था. कनाडा और अमेरिका में वह गैंग की गतिविधियों को संभालता था. सिद्धू मूसेवाला की हत्या और सलमान खान के घर पर फायरिंग करने के मामले में भी उसका नाम सामने आया. हाल ही में अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटने के बाद NIA ने उसे गिरफ्तार किया है. गैंग की दुनिया में उसकी पहचान 'छोटा डॉन' के नाम से होती है.

 गोल्डी बराड़

गोल्डी बराड़, जिसका असली नाम सतिंदरजीत सिंह है. उसने ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी. कनाडा में वह एक्सटॉर्शन और ड्रग नेटवर्क चलाता था, लेकिन जून 2025 में लॉरेंस से उसका संबंध टूट गया. अब कनाडा में उसे आतंकी घोषित करने की मांग भी उठ रही है.

रोहित गोदारा

एक समय में रोहित गोदारा लॉरेंस का भरोसेमंद साथी था. वह कई हत्याओं व फायरिंग के मामलों में शामिल रहा. बाद में अनमोल के मामले को संभालने को लेकर उसके और लॉरेंस के बीच विवाद बढ़ गया. रोहित गोदारा अब दुबई गैंग वॉर में शामिल हो गया.

 काला जठेड़ी

काला जठेड़ी हरियाणा का बड़ा अपराधी है, जो लॉरेंस के सिंडिकेट का हिस्सा है. वह धमकी देकर वसूली करने और हत्या के प्रयासों के लिए जाना जाता है. हरियाणा और दिल्ली में उसने कई लोगों को निशाना बनाया है. पुलिस की कार्रवाई में उसके कई साथी पकड़े जा चुके हैं.

सचिन बिश्नोई

सचिन को गैंग का ऑपरेशनल मास्टर माना जाता है. पंजाब और दिल्ली में चलने वाली एक्सटॉर्शन गतिविधियों में उसका बड़ा रोल रहा है. लॉरेंस जेल से उसे निर्देश देता था, लेकिन गैंग के भीतर चल रहे मनमुटाव के कारण उसकी स्थिति कमजोर हो गई है. अब वह NIA की हिट लिस्ट में शामिल है.

रितिक बॉक्सर

रितिक बॉक्सर राजस्थान में गैंग का नया चेहरा है, जो युवाओं को अपराध की ओर खींच रहा है.

 दीपक बॉक्सर

दीपक बॉक्सर हरियाणा और दिल्ली का वांछित अपराधी था, जिसे मेक्सिको से पकड़कर लाया गया.

अर्श डाला

अर्श डाला पहले लॉरेंस का साथी बना, अब उसका बड़ा दुश्मन है और UAPA के तहत आतंकी घोषित हो चुका है.

हरविंदर रिंदा

हरविंदर सिंह रिंदा एक कुख्यात खालिस्तानी आतंकी है, जो फिलहाल पाकिस्तान में छिपकर अपनी आपराधिक गतिविधियां चलाता है. वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग का बड़ा दुश्मन माना जाता है. रिंदा, लखबीर लांडा के साथ मिलकर ड्रोन के जरिए भारत में ड्रग्स और हथियार भेजने का काम करता है.

लखबीर लांडा

लखबीर सिंह लांडा कनाडा में सक्रिय एक खतरनाक खालिस्तानी गैंगस्टर है. वह अर्श डाला और हरविंदर रिंडा जैसे अपराधियों का करीबी साथी माना जाता है. ये तीनों मिलकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ खुला गैंगवार चला रहे हैं. साल 2022 से ही NIA उसे वांछित अपराधी घोषित कर चुकी है. लांडा ड्रग तस्करी, हथियारों की सप्लाई और कई हत्याओं में शामिल रहा है.

सिंडिकेट की सबसे बड़ी कमजोरी

गैंग के भीतर लगातार बढ़ रही लड़ाइयों और आपसी विश्वास की कमी ने लॉरेंस सिंडिकेट को कमजोर कर दिया है. गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा जैसे अहम सदस्यों के अलग होने से गैंग कई हिस्सों में बंट गया है. पुलिस की कार्रवाई और NIA की छापेमारी से उनके नेटवर्क में डर बैठा है, लेकिन इसके बावजूद यह गैंग अभी भी युवाओं को बहलाकर अपने साथ जोड़ने की कोशिश करता रहता है.

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20 November 2025, 10:41 PM IST

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