दिल्ली हाईकोर्ट का ऐश्वर्या राय के पक्ष में बड़ा फैसला, नाम और छवि के गलत इस्तेमाल पर लगाई रोक
दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐश्वर्या राय बच्चन के पर्सनालिटी राइट्स की सुरक्षा की पुष्टि करते हुए उनके नाम, चित्र और आवाज का बिना अनुमति व्यावसायिक उपयोग रोकने का आदेश दिया.

Aishwarya Rai Bachchan: दिल्ली हाई कोर्ट ने बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा ऐश्वर्या राय बच्चन को उनके पर्सनालिटी राइट्स के तहत सुरक्षा प्रदान की है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उनकी अनुमति के बिना उनका नाम, चित्र, आवाज या अन्य पहचान संबंधी विशेषताओं का व्यावसायिक उपयोग उनके अधिकारों का उल्लंघन होगा.
जस्टिस तेजस करिया ने कई कंपनियों और व्यक्तियों को आदेश दिया है कि वे ऐश्वर्या राय के व्यक्तिगत गुणों का, जैसे उनके रूप, पहचान या नाम का, व्यावसायिक लाभ के लिए बिना अनुमति के इस्तेमाल ना करें. अदालत ने कहा कि इस तरह के दुरुपयोग से ना केवल वित्तीय नुकसान होता है, बल्कि ये उनके सम्मान और प्रतिष्ठा को भी हानि पहुंचाता है.
ऐश्वर्या राय के पर्सनालिटी राइट्स का उल्लंघन
कोर्ट ने कहा कि याद रखें कि अगर किसी भी व्यक्ति द्वारा ऐश्वर्या राय बच्चन के पर्सनालिटी राइट्स का उल्लंघन किया जाता है, तो ये ना केवल जनता के बीच भ्रम उत्पन्न करेगा कि वे किसी उत्पाद या सेवा का प्रचार कर रहे हैं, बल्कि इससे उनकी प्रतिष्ठा और विश्वास में भी कमी आएगी.
बॉलीवुड की सबसे सम्मानित हस्ती की पहचान
कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐश्वर्या राय बच्चन भारतीय मनोरंजन उद्योग की सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित हस्तियों में से एक हैं. उनके द्वारा कई कंपनियों के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम करने के कारण उनकी प्रतिष्ठा और विश्वास में व्यापक वृद्धि हुई है. जस्टिस करिया ने अपने आदेश में कहा कि उन्होंने एक सशक्त ब्रांड छवि बनाई है, जिसे जनता ने अपने समर्थन और विश्वास के साथ स्वीकार किया है.
इस आदेश के साथ, कोर्ट ने ये स्पष्ट किया कि पर्सनालिटी राइट्स का उल्लंघन ना केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाता है, बल्कि ये किसी भी व्यक्ति के जीवन और सम्मान के अधिकार को भी चुनौती देता है. ये फैसला एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमारे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और सम्मान के मौलिक अधिकारों से जुड़ा हुआ है. इसके साथ ही, ये फैसला सेलेब्रिटीज के व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा को और मजबूत करता है, खासकर विज्ञापनों, माल, और डिजिटल मीडिया में उनके चित्रों या आवाज का बिना अनुमति के इस्तेमाल रोकने के संदर्भ में.


