गुजरात दंगा 2002: पीएम मोदी के खिलाफ जाकिया जाफीर की याचिका खारिज
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 2002 में हुए गुजरात दंगों के लिए क्लीन चिट देने वाली SIT रिपोर्ट के खिलाफ दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 2002 में हुए गुजरात दंगों के लिए क्लीन चिट देने वाली SIT रिपोर्ट के खिलाफ दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने SIT की जांच को सही माना है इस याचिका को पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की ओर से दायर की गई थी। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने इस याचिका पर फैसला सुनाया है। सात महीने पहले 9 दिसंबर 2021 को जाकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आपना फैसला सुरक्षित रखा था। उस समय गुजरात दंगों के लिए बनाई गई एसआईटी ने तब रहे गुजरात के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी।
दरअसल, 2002 में हुए गुजरात दंगे के समय जाकिया जाफरी के पति और तब कांग्रेस से विधायक रहे एहसान जाफरी को दंगा करने वाले भीड़ ने मार डाला था। जिसके बाद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने SIT की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी। एसआईटी ने अपने रिपोर्ट में प्रदेश के उच्च पदों पर रहे लोगों को क्लीन चिट दी गई थी। राज्य के उच्च पदाधिकारियों के द्वारा गोधरा ट्रेन अग्निकांड और उसके बाद हुए दंगे भड़काने में किसी भी साजिश एसआईटी नकार दिया था। जिसके बाद में गुजरात हाईकोर्ट ने 2017 में SIT की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ जाकिया की शिकायत खारिज कर दी थी। जिसके बाद जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट दरवाजा खटखटाया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे खारिज कर दिया।


