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भारत और ब्रिटेन के बीच 'Free Trade Deal' पर हुए साइन, चेकर्स में कीर स्टारमर से मिले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिससे आईटी, शिक्षा, पेशेवर सेवाओं और श्रम-प्रधान निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. भारतीय पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा में छूट और युवाओं को वैश्विक अवसर मिलेंगे. यह समझौता निवेश, रोजगार और द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा देगा.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement - FTA) पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए. यह बैठक ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के सरकारी निवास चेकर्स में संपन्न हुई.

यह समझौता भारत-ब्रिटेन संबंधों को एक नई दिशा देने के साथ-साथ व्यापार, निवेश और तकनीक जैसे अहम क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करेगा. प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा रक्षा, प्रौद्योगिकी और रणनीतिक सहयोग के लिहाज़ से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

सेवाओं के क्षेत्र में नए अवसर

FTA से भारत की सूचना प्रौद्योगिकी (IT), आईटी-सक्षम सेवाएं (ITES), वित्तीय सेवाएं, और पेशेवर सेवाएं जैसे प्रबंधन, वास्तुकला और इंजीनियरिंग को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है. इन क्षेत्रों में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों को अब ब्रिटेन में अधिक अवसर मिलेंगे. शिक्षा से जुड़े सेवाओं के लिए भी यह समझौता महत्वपूर्ण साबित होगा, जिससे दोनों देशों के विश्वविद्यालयों और छात्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.

मेक इन इंडिया 

यह समझौता श्रम-प्रधान भारतीय निर्यात के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा. भारत से ब्रिटेन को भेजे जाने वाले कपड़े, चमड़ा, जूते, फर्नीचर, आभूषण, खेल सामग्री जैसे उत्पाद अब टैरिफ-मुक्त (duty-free) पहुंच प्राप्त करेंगे. इससे ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को मजबूती मिलेगी और भारत में स्थानीय उत्पादन और रोजगार के अवसरों में इजाफा होगा. ब्रिटेन हर साल करीब 23 बिलियन डॉलर मूल्य के ऐसे उत्पादों का आयात करता है, जिसमें भारत की हिस्सेदारी बढ़ने से देश को विदेशी मुद्रा और रोजगार दोनों का लाभ होगा.

भारतीय पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा में छूट

FTA की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक यह है कि ब्रिटेन में तीन वर्ष तक काम करने वाले भारतीय पेशेवरों को अब वहां की सामाजिक सुरक्षा अंशदान (Social Security Contribution) से छूट मिलेगी. यह बदलाव भारतीय पेशेवरों के लिए वित्तीय रूप से फायदेमंद होगा और उनकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा क्षमता में वृद्धि करेगा. इससे न केवल उन्हें बेहतर वेतन पैकेज मिलेंगे, बल्कि वे बिना किसी अतिरिक्त सामाजिक कर के वैश्विक अनुभव भी अर्जित कर सकेंगे.

युवाओं के लिए वैश्विक अवसर

यह समझौता भारतीय युवाओं के लिए नए वैश्विक अवसर पैदा करेगा, खासकर शिक्षा, तकनीकी सेवाओं और पेशेवर क्षेत्रों में. इससे भारत के युवा वर्ग को अंतरराष्ट्रीय कामकाजी माहौल में कार्य करने का अनुभव मिलेगा और वे वैश्विक प्रतिभा बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे.

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24 July 2025, 03:46 PM IST

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