कोमा से बाहर आया बॉन्डी बीच का आरोपी, पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानें अब तक क्या-क्या हुए खुलासे
सिडनी के बॉन्डी बीच आतंकी हमले में शामिल आरोपी नवीद अकरम कोमा से बाहर आने के बाद गिरफ्तार किया गया. हमले में 15 लोगों की मौत हुई. जांच में पिता की भूमिका, विदेशी यात्रा और कट्टरपंथ के स्रोतों की पड़ताल जारी है.

नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बॉन्डी बीच पर हुए भीषण आतंकी हमले से जुड़ी जांच में एक अहम मोड़ आया है. इस हमले में शामिल 25 वर्षीय आरोपी नवीद अकरम कोमा से बाहर आ गया है, जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने उसे अस्पताल के बिस्तर से ही गिरफ्तार कर लिया. जांच एजेंसियां लंबे समय से उसके होश में आने और कानूनी प्रक्रिया को समझने लायक स्थिति में पहुंचने का इंतजार कर रही थीं.
कोमा से बाहर आते ही गिरफ्तारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवीद अकरम मंगलवार दोपहर (स्थानीय समय) को कोमा से बाहर आया. जैसे ही डॉक्टरों ने उसे चिकित्सकीय रूप से ‘होश में’ घोषित किया, पुलिस ने उसे औपचारिक चेतावनी देकर हिरासत में ले लिया. गिरफ्तारी से पहले यह सुनिश्चित किया गया कि दवाओं का असर कम हो चुका है और आरोपी कानूनी प्रक्रिया को समझने में सक्षम है.
हमले में पिता की मौत
बॉन्डी बीच पर हुए इस खौफनाक हमले में नवीद ने अपने पिता साजिद अकरम के साथ मिलकर सैकड़ों लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने साजिद अकरम को मार गिराया, जबकि नवीद गोली लगने से गंभीर रूप से घायल होकर कोमा में चला गया था. इस हमले को पिछले 30 वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में हुआ सबसे घातक आतंकी हमला बताया जा रहा है.
हनुक्का उत्सव बना निशाना
यह हमला बॉन्डी बीच पर आयोजित यहूदी हनुक्का उत्सव के दौरान हुआ, जहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. राइफल और शॉटगन से लैस हमलावरों ने भीड़ पर गोलियां बरसाईं, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और करीब 40 लोग घायल हुए. मृतकों में होलोकॉस्ट से बचे एक व्यक्ति और लंदन में जन्मे एक रब्बी भी शामिल थे. पुलिस के अनुसार, पीड़ितों की उम्र 10 साल से लेकर 87 साल तक थी.
भारतीय नागरिक भी हुए घायल
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में तीन भारतीय छात्र भी घायल हुए हैं. इनमें से कम से कम दो छात्रों का अस्पताल में इलाज जारी है. घटना के बाद भारतीय समुदाय में भी चिंता और शोक का माहौल देखा गया.
कौन है साजिद अकरम?
50 वर्षीय साजिद अकरम मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले थे और वर्ष 1998 में ऑस्ट्रेलिया चले गए थे. भारत में अपने परिवार से उनका संपर्क बेहद सीमित था और बीते 27 वर्षों में उन्होंने केवल छह बार ही भारत का दौरा किया. उन्होंने एक यूरोपीय ईसाई महिला से शादी की थी, जिससे उनके दो बेटे और एक बेटी हैं. तीनों बच्चों का जन्म ऑस्ट्रेलिया में ही हुआ.
फिलीपींस यात्रा की जांच
जांच में यह भी सामने आया है कि पिता-पुत्र की जोड़ी ने 1 से 28 नवंबर के बीच फिलीपींस की यात्रा की थी. जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या वहां उनकी मुलाकात किसी चरमपंथी संगठन या उपदेशकों से हुई थी और क्या उन्हें किसी तरह का सैन्य प्रशिक्षण मिला था. रिपोर्ट के मुताबिक, साजिद अकरम ने भारतीय पासपोर्ट पर जबकि नवीद ने ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट पर यात्रा की थी.
भारत से कट्टरपंथ का कोई संबंध नहीं
तेलंगाना पुलिस के डीजीपी द्वारा जारी बयान में स्पष्ट किया गया है कि साजिद और नवीद के कट्टरपंथी बनने के पीछे भारत या तेलंगाना से किसी भी तरह के स्थानीय प्रभाव के सबूत नहीं मिले हैं. फिलहाल ऑस्ट्रेलियाई एजेंसियां इस हमले की हर कड़ी को जोड़ने में जुटी हैं, ताकि इसके पीछे की साजिश और नेटवर्क का पूरा खुलासा किया जा सके.


