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'हिंदू भी हो सकते हैं आतंकवादी', कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने दिया विवादित बयान

मालेगांव बम धमाका केस में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के बरी होने पर कांग्रेस की रेणुका चौधरी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा. 'हिंदू आतंकवाद' शब्द पर माफी से इंकार किया गया. साध्वी प्रज्ञा भावुक हो गईं और अपने संघर्ष को याद किया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

मालेगांव बम धमाका केस में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कर्नल श्रीकांत पुरोहित को कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा, "इस सरकार में इन लोगों का छूटना तय था. अब जब छूट ही गए हैं, तो देखना होगा आगे क्या होता है. हमें पहले से ही इस बात का अंदेशा था."

'हिंदू आतंकवाद' शब्द पर माफी से इनकार

रेणुका चौधरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस द्वारा 'हिंदू आतंकवाद' जैसे शब्द के प्रयोग पर उन्हें कोई खेद नहीं है. उन्होंने दो टूक कहा, "इसमें कोई बुराई नहीं है. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. जब 'मुस्लिम आतंकवादी' कहा जाता है, तो 'हिंदू आतंकवादी' कहना भी गलत नहीं माना जाना चाहिए."

'आतंकवादी किसी भी धर्म से हो सकते हैं'

रेणुका चौधरी ने अपने बयान में आगे कहा कि आतंकवाद किसी भी धर्म से जुड़ा नहीं होता, बल्कि वह एक मानसिकता है. उन्होंने कहा, "हिंदू धर्म में भी कई तरह के लोग होते हैं. जब हम नक्सलियों की बात करते हैं, तो क्या उनका कोई धर्म होता है? क्या वे आतंकवादी नहीं हैं? फिर हिंदू धर्म के लोगों में भी कोई आतंकवादी हो सकता है."

अखिलेश यादव ने भी साधा निशाना

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले में बयान दिया. उन्होंने कहा कि जनता चाहती है कि दोषियों को सजा मिले. उनके अनुसार, आम लोगों की भावना यही है कि जो भी गलत करता है, उसे सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह फैसला किसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय घटना से ध्यान भटकाने के लिए लिया गया हो सकता है. उनका इशारा अमेरिका में चल रही घटनाओं की ओर था.

भावुक हुईं साध्वी प्रज्ञा

बरी किए जाने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अदालत में ही भावुक हो गईं. उन्होंने कहा, "मेरे ऊपर आतंकवाद का आरोप लगाया गया. मेरी पूरी जिंदगी खत्म कर दी गई. मैं एक संन्यासी हूं, इसलिए ज़िंदा रह गई. लेकिन हर दिन मर-मरकर जीना पड़ा." साध्वी की आंखों में आंसू थे, और उन्होंने कहा कि यह संघर्ष उनके जीवन का सबसे कठिन दौर रहा.

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31 July 2025, 04:08 PM IST

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