'नई ऊंचाईयों पर पहुंच रहे भारत-ब्रिटेन के संबंध', कीर स्टारमर से मुलाकात के बाद बोले पीएम मोदी
India-UK Relations: प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की मुंबई में हुई बैठक में व्यापार और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी. दोनों देशों ने CETA पर हस्ताक्षर किए, जिससे व्यापार, रोजगार और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा. भारत-ब्रिटेन साझेदारी को एक नए युग की शुरुआत मिली.

India-UK Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की गुरुवार को मुंबई में हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग के एक नए युग की शुरुआत की घोषणा की गई. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के रिश्ते अब एक नई ऊँचाई पर पहुँच चुके हैं, खासकर हाल ही में व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर हुए हस्ताक्षर के बाद.
व्यापार के नए द्वार
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुए कहा कि सीईटीए से दोनों देशों को कई तरह से लाभ होगा. इससे न केवल व्यापार में वृद्धि होगी बल्कि आयात की लागत घटेगी और युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर खुलेंगे. उन्होंने कहा कि यह समझौता उद्योगों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा. प्रधानमंत्री स्टारमर की भारत यात्रा और उनके साथ आया हुआ अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल इस बात का प्रमाण है कि दोनों देश सहयोग को नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने एक और बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि इस बार ब्रिटेन से शिक्षा क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली प्रतिनिधिमंडल भारत आया है. उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के नौ प्रमुख विश्वविद्यालय भारत में अपने कैंपस खोलने के लिए तैयार हैं. यह निर्णय भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, जो दोनों देशों के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगा.
भारत की विकास गाथा प्रेरणादायक: कीर स्टारमर
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भारत की आर्थिक प्रगति की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में मिलना प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की तेज़ गति से हो रही तरक्की का केंद्र है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के 2028 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने और 2047 तक पूरी तरह से विकसित देश बनने के लक्ष्य की तारीफ़ की.
व्यापारिक साझेदारी को नई ऊर्जा
स्टारमर ने कहा कि उनकी भारत यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के व्यापार संबंधों को एक नई गति देना है. उन्होंने इस यात्रा में 126 ब्रिटिश कंपनियों को भारत लाकर इस साझेदारी की गंभीरता और महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ब्रिटेन भारत की विकास यात्रा में एक विश्वसनीय सहयोगी बनना चाहता है.


