'केरल सरकार ने तुर्की को दिए थे 10 करोड़', शशि थरूर ने उठाए सवाल तो CPM ने दिया करारा जवाब
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केरल सरकार की तुर्की को 10 करोड़ रुपये सहायता पर सवाल उठाए. जबकि, सीपीएम नेता जॉन ब्रिटास ने केंद्र की मदद को लेकर शशि थरूर की आलोचना की.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर देशभर में मची राजनीतिक हलचल के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक और विवाद को हवा दी है. उन्होंने 2023 में आए भूकंप के दौरान केरल सरकार द्वारा तुर्की को भेजी गई 10 करोड़ रुपये की सहायता राशि पर सवाल उठाए हैं. शशि थरूर ने इसे गलत उदारता करार दिया है और कहा है कि तुर्की का पाकिस्तान के पक्ष में रुख देखते हुए केरल सरकार को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए था.
वहीं, सीपीएम के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने शशि थरूर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि शशि थरूर चुनिंदा भूल से ग्रस्त हैं और जानबूझकर केरल को निशाना बना रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार खुद तुर्की को सहायता दे चुकी है.
शशि थरूर ने उठाया सवाल
शशि थरूर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक समाचार रिपोर्ट साझा करते हुए लिखा- मुझे उम्मीद है कि केरल सरकार अपनी इस ‘गलत उदारता’ पर विचार करेगी, खासकर जब आज तुर्की का भारत विरोधी रवैया सामने आया है. वायनाड के लोगों के लिए ये ₹10 करोड़ कहीं ज्यादा उपयोगी हो सकते थे.
उन्होंने ये टिप्पणी उस समय की जब तुर्की ने भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था. इस बयान के जरिए शशि थरूर ने तुर्की के बदले रुख पर अप्रत्यक्ष रूप से सवाल उठाया है और केरल सरकार के फैसले को ‘दूरदृष्टि से रहित’ बताया.
Hve great regards for Shashi Tharoor. But these comments are symptoms of selective amnesia. It is as amusing n puzzling why he had to belittle Kerala when he knows very well the Modi govt itself had launched Operation Dost to help Turkey. Kerala bashing is unwarranted. https://t.co/JgWvCHnUM2
— John Brittas (@JohnBrittas) May 24, 2025
जॉन ब्रिटास: ‘केरल को क्यों निशाना बना रहे हैं?’
शशि थरूर के बयान पर सीपीएम नेता जॉन ब्रिटास ने त्वरित प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा- शशि थरूर के प्रति मेरी गहरी श्रद्धा है, लेकिन उनकी ये टिप्पणी ‘चुनिंदा भूल’ का उदाहरण है. जब केंद्र सरकार ने खुद ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत तुर्की को मदद भेजी, तब केरल की आलोचना करना हास्यास्पद है. उन्होंने आगे कहा कि ये केरल को ‘अनावश्यक रूप से बदनाम’ करने की कोशिश है और बताया कि संकट के समय मानवीय सहायता राजनीति से ऊपर होती है.
भारत-पाकिस्तान के बीच 4 दिवसीय संघर्ष के दौरान तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था. इसके बाद, भारत में तुर्की के खिलाफ जनभावनाएं उभरने लगीं. पर्यटन स्थलों की सूची से तुर्की को हटाने से लेकर व्यापारिक संगठनों द्वारा तुर्की उत्पादों के बहिष्कार तक, देशभर में इसका व्यापक असर देखा गया. वहीं, कई भारतीय कंपनियों ने तुर्की के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को खत्म कर दिया.


