'पाकिस्तान का बब्बर', राफेल जेट के सवाल पर भाजपा ने रेवंत रेड्डी पर साधा निशाना
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री मोदी से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा राफेल विमानों को मार गिराने की जानकारी मांगी और पारदर्शिता की मांग की. उन्होंने भारत-चीन सीमा विवाद और बालाकोट कार्रवाई पर भी सवाल उठाए. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने रेड्डी को “पाकिस्तान का बब्बर” बताया और कांग्रेस की ‘जय हिंद यात्रा’ को 'जय पाकिस्तान यात्रा' करार दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सेना का मनोबल गिराने की कोशिश कर रहे हैं.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल ही में भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने हैदराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूछा कि इस अभियान के दौरान पाकिस्तान ने कितने राफेल लड़ाकू विमानों को मार गिराया, और इसके बारे में केंद्र सरकार ने कोई जानकारी क्यों नहीं दी. उन्होंने यह सवाल 140 करोड़ भारतीयों की ओर से पूछे जाने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री से पारदर्शिता की मांग की.
सैन्य विषयों पर रेवंत रेड्डी की टिप्पणी से विवाद
रेवंत रेड्डी ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया गया, तब सर्वदलीय बैठक क्यों बुलाई गई थी, लेकिन जब युद्ध समाप्त किया गया, तब सभी दलों को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया? उन्होंने दावा किया कि भारत की जनता की अपेक्षा थी कि सरकार बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करे और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को भारत में मिलाए, लेकिन यह भी पूरा नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी द्वारा लाए गए राफेल विमानों को पाकिस्तान ने मार गिराया, और अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया कि कितने विमान गिरे. प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए." साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राफेल सौदे में हजारों करोड़ रुपये के ठेके मोदी के करीबी लोगों को दिए गए.
भारतीय सेना पर सवाल, कांग्रेस के स्टैंड की याद दिलाई
रेड्डी ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मीनाक्षी नटराजन जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं, ने स्पष्ट रूप से कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर देश को एकजुट रहना चाहिए. उन्होंने कहा, “हमने एनडीए सरकार को आश्वासन दिया था कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष के समय हम उनके साथ खड़े रहेंगे.”
रेड्डी ने यह भी सवाल उठाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर भारत ने संघर्ष रोक दिया या नहीं. उन्होंने कहा, “चार दिन के युद्ध के बाद यह स्पष्ट नहीं हुआ कि किसने किसे धमकाया और कौन झुका.”
चीन को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना
सीएम रेवंत रेड्डी ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला. उन्होंने दावा किया कि चीन ने 4,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है, लेकिन मोदी सरकार ने कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी. इस संदर्भ में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने 1967 में चीन को हराया था और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध जीतकर बांग्लादेश का निर्माण किया था, जबकि उस समय अमेरिका से धमकियां मिल रही थीं.
भाजपा का तीखा पलटवार
रेवंत रेड्डी के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने जोरदार प्रतिक्रिया दी. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता भारतीय सेना का मनोबल गिराने की कोशिश कर रहे हैं. पात्रा ने सीएम रेवंत रेड्डी को “पाकिस्तान का बब्बर” बताया और कहा कि उन्हें सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बोलने के बजाय “मिस वर्ल्ड फोटोशूट” तक सीमित रहना चाहिए.
जय हिंद यात्रा या जय पाकिस्तान यात्रा?
संबित पात्रा ने कांग्रेस की ‘जय हिंद यात्रा’ को कटाक्ष में ‘जय पाकिस्तान यात्रा’ करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता बार-बार भारत द्वारा खोए गए लड़ाकू विमानों की जानकारी मांगते हैं, लेकिन कभी पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों की जानकारी नहीं पूछते.
पात्रा ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सांसदों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की तुलना आतंकवादियों से कर दी थी, जो भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बयान है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई नेता भारत के खिलाफ बोलने वालों को अधिक समर्थन देते नजर आते हैं, बजाय सेना के पराक्रम को सराहने के.
‘गब्बर बनाम जय-वीरू’ का उदाहरण
भाजपा प्रवक्ता ने अपने जवाब में फिल्म शोले का संदर्भ लेते हुए कहा कि "कांग्रेस के ये नेता भारत के ‘गब्बर’ हैं, और भारतीय जनता ‘जय’ और ‘वीरू’ है." पात्रा ने कहा कि “जैसे गब्बर का अंत हुआ था, वैसे ही देश विरोधी मानसिकता का भी अंत होगा.” उन्होंने यह भी बताया कि जिन कांग्रेस सांसदों ने विदेशों में भारत की नीतियों का समर्थन किया था, वे आज उन्हीं नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं, जो दर्शाता है कि उनकी राजनीति अवसरवादी है.


