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'पाकिस्तान को भुगतना पड़ेगा खामियाजा', एस.जयशंकर का आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि सीजफायर अस्थाई है और आतंकवाद जारी रखने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने नीदरलैंड्स के अपने दौरे के दौरान पाकिस्तान के साथ सीजफायर के बाद भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद और कश्मीर के मुद्दे पर भारत का रुख अडिग है. एस.जयशंकर ने ये भी स्पष्ट किया कि सीजफायर अस्थाई है और अगर पाकिस्तान आतंकवादी हमले जारी रखता है, तो उसे इसका भुगतान करना होगा. विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान की सरकार और सेना दोनों इस आतंकवाद को बढ़ावा दे रही हैं.

विदेश मंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई को विश्व समुदाय से सराहने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ये समझना चाहिए कि आतंकवाद को सहन नहीं किया जाएगा और अगर पाकिस्तान इस मार्ग पर चलता रहा तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

'पाकिस्तान को समझना होगा...'

डॉ. जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर पर बोलते हुए कहा कि सीजफायर अस्थाई है. पाकिस्तान के साथ स्थायी समाधान और इसके रास्ते को लेकर हम आतंकवाद का अंत चाहते हैं. सीजफायर के कारण दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोक दी है, लेकिन अगर पाकिस्तान ने आतंकवादी हमले जारी रखे तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. पाकिस्तान और उसके लोगों को ये बात समझनी चाहिए.

'पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र'

भारत के विदेश मंत्री ने ये भी स्वीकार किया कि उन्होंने पहले भी पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया था और ये बात आज भी सही है. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मान लीजिए एम्सटर्डम जैसे शहर के बीच में सैन्य प्रशिक्षण केंद्र होते हैं, जहां हजारों लोग मिलिट्री ट्रेनिंग के लिए इकट्ठा होते हैं, तो क्या आपकी सरकार ये कहेगी कि हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है? बिल्कुल नहीं!

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों की गतिविधियां पूरी दुनिया को पता हैं. संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी पाकिस्तान के बड़े शहरों में खुलेआम अपने कृत्य कर रहे हैं. ये कोई संयोग नहीं है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना इस आतंकवाद में पूरी तरह से शामिल हैं.

कश्मीर पर भारत का मजबूत रुख

जयशंकर ने जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर भी स्पष्ट रूप से भारत का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद का हिस्सा पूरा कश्मीर विवाद का कारण नहीं है. हम आतंकवाद को पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं, ये एक अंतरराष्ट्रीय अपराध है और इसे किसी भी स्थिति में सही नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने ये भी कहा कि आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को निशाना बना रहे हैं और जानबूझकर हमले को धार्मिक रंग दिया जा रहा है. ये वैश्विक स्तर पर अस्वीकार्य होना चाहिए. 

ट्रंप के प्रस्ताव पर क्या बोले जयशंकर?

कश्मीर विवाद पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मध्यस्थता के बारे में पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि ये केवल भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है. इस पर किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती. जब उनसे ये पूछा गया कि क्या डोनाल्ड ट्रंप का कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव भारत स्वीकार करेगा, तो जयशंकर ने साफ शब्दों में जवाब दिया कि जैसा मैंने कहा, ये मामला हम पाकिस्तान के साथ मिलकर ही हल करेंगे. हम इस विवाद को खुद सुलझाएंगे, किसी तीसरी पार्टी की मदद की जरूरत नहीं है.

आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख दृढ़

जयशंकर ने अंत में पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान ने अपनी आतंकवादी गतिविधियों को नहीं रोका, तो भारत जवाबी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा. भारत ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति अब सख्त है. हम किसी भी आतंकी हमले का जवाब देंगे और पाकिस्तान को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

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22 May 2025, 05:35 PM IST

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