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'कलमा पढ़ो, नहीं तो गोली मार देंगे', इनकार करने पर आतंकियों ने मारी गोली

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी की मौत हो गई. आतंकियों ने पर्यटकों से धर्म पूछा और शुभम को उनकी पत्नी के सामने गोली मार दी. हमले में करीब 30 लोगों के मारे जाने का अनुमान है. परिवार ने शव जल्द सौंपने की अपील की है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 30 लोगों के मारे जाने की आशंका है. आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया और उनसे धर्म पूछा. इस हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी की भी मौत हो गई. आतंकियों ने शुभम को उनकी पत्नी के सामने गोली मारी. हमले से पहले आतंकियों ने शुभम से उनका धर्म पूछा और कलमा पढ़ने को कहा, लेकिन शुभम ने इनकार कर दिया, जिसके बाद आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी. हादसा उस समय हुआ जब शुभम और उनकी पत्नी घुड़सवारी कर रहे थे.

शुभम की मौत की खबर से कानपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र के हाथीपुर चंदन चक्की में शोक की लहर है. परिवार और रिश्तेदार शुभम के शव का इंतजार कर रहे हैं. शुभम के चचेरे भाई सौरभ ने सरकार से जल्द से जल्द शव को उनके पास भेजने की अपील की है. शुभम की शादी सिर्फ दो महीने पहले हुई थी और वह अपनी पत्नी के साथ कश्मीर घूमने गए थे.

आतंकी हमले की जानकारी

17 अप्रैल को शुभम और उनकी पत्नी एशान्या, परिवार और रिश्तेदारों के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे. शुभम सीमेंट कारोबारी थे. उनके भाई सौरभ ने बताया कि उन्हें दोपहर तीन बजे फोन आया कि आतंकी हमला हुआ है और शुभम को गोली मारी गई है. एशान्या से बात हुई, जो घबराई हुई थीं और रो रही थीं. उन्हें बताया गया कि वहां काफी देर तक भगदड़ मची रही.

आतंकियों का ऐलान

सौरभ ने बताया कि एक वायरल वीडियो में शुभम का शव जमीन पर पड़ा था, उसके सिर पर गोली लगी थी और खून बह रहा था. एशान्या ने बताया कि वह और शुभम घुड़सवारी कर रहे थे, तभी आतंकियों ने हमला किया. एक आतंकवादी ने शुभम से कहा कि "अगर तुम कलमा पढ़ लो, तो हम तुम्हें गोली नहीं मारेंगे." लेकिन शुभम ने इनकार किया और आतंकियों ने उसे गोली मार दी.

शुभम की पत्नी को छोड़ा

सौरभ ने बताया कि आतंकियों ने शुभम की पत्नी से कहा, "हम तुम्हें छोड़ रहे हैं, ताकि तुम अपनी सरकार को यह घटना बता सको." अधिकारियों के मुताबिक, शुभम का शव कानपुर पहुंचने में दो दिन का समय लगेगा. सौरभ ने सरकार से जल्द से जल्द शव को उनके पास भेजने की मांग की है.

घटनास्थल पर हुई घटना

शुभम और उनकी पत्नी मंगलवार को पहलगाम घूमने के लिए निकले थे, जबकि बाकी लोग अनंतनाग में रुके थे. जब दोनों घुड़सवारी कर रहे थे, तभी आतंकियों ने हमला कर दिया और शुभम को गोली मारी. इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अस्पताल भेजा, लेकिन वह बच नहीं पाए.

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23 April 2025, 08:49 AM IST

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